पाकिस्तान के मशहूर गायक आतिफ असलम का बांग्लादेश में होने वाला बहुप्रतीक्षित कॉन्सर्ट आखिरी वक्त पर रद्द कर दिया गया है. 13 दिसंबर को ढाका में प्रस्तावित इस लाइव शो को लेकर लंबे समय से तैयारियां चल रही थीं और हजारों संगीत प्रेमी इस कार्यक्रम का इंतजार कर रहे थे. लेकिन अब यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. खुद आतिफ असलम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट साझा कर इस बात की पुष्टि की. उन्होंने साफ शब्दों में लिखा कि यह फैसला उनकी तरफ से नहीं, बल्कि आयोजकों की विफलता के कारण लिया गया है. आतिफ के मुताबिक आयोजक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से जरूरी स्थानीय अनुमति, सुरक्षा मंजूरी और लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था नहीं कर पाए, जिस वजह से इस कॉन्सर्ट को आगे बढ़ाना संभव नहीं रहा. उनके इस बयान के बाद ढाका कॉन्सर्ट को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर विराम लग गया.
सरकारी अनुमति और सुरक्षा बनी सबसे बड़ी बाधा
आतिफ असलम के पोस्ट के बाद सामने आई जानकारी के अनुसार, बांग्लादेश में किसी भी अंतरराष्ट्रीय कलाकार के कार्यक्रम के लिए सरकार से कई स्तरों पर अनुमति लेनी होती है. इसमें स्थानीय प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियां और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े विभाग शामिल होते हैं. बताया जा रहा है कि आयोजकों ने समय रहते इन सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से न तो सुरक्षा क्लीयरेंस मिल सकी और न ही आयोजन स्थल से जुड़ी व्यवस्थाओं को अंतिम मंजूरी दी गई. ऐसे में कार्यक्रम के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था या सुरक्षा जोखिम को देखते हुए प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया. आयोजकों की इस लापरवाही का सीधा असर आतिफ असलम के चाहने वालों पर पड़ा, जो महीनों से इस कॉन्सर्ट का इंतजार कर रहे थे.
13 दिसंबर और 1971 का ऐतिहासिक संदर्भ
इस पूरे मामले में 13 दिसंबर की तारीख को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है. दरअसल, दिसंबर 1971 बांग्लादेश के इतिहास में बेहद संवेदनशील महीना माना जाता है. इसी महीने पाकिस्तान सेना ने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में आत्मसमर्पण किया था, जिसके बाद बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्व में आया. हर साल दिसंबर के मध्य में बांग्लादेश में उस ऐतिहासिक दौर की यादें ताजा होती हैं. कई विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तानी कलाकार का उसी समय ढाका में बड़ा कॉन्सर्ट आयोजित करना सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील माना जा सकता था. हालांकि आधिकारिक तौर पर सरकार या प्रशासन ने इस ऐतिहासिक संदर्भ को वजह नहीं बताया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसे भी एक अहम कारण माना जा रहा है. यही वजह है कि यह मामला सिर्फ एक कॉन्सर्ट रद्द होने तक सीमित नहीं रह गया, बल्कि इसके पीछे ऐतिहासिक भावनाओं की चर्चा भी शुरू हो गई है.
फैंस में निराशा, भविष्य को लेकर सवाल
आतिफ असलम के ढाका कॉन्सर्ट के रद्द होने से उनके बांग्लादेशी फैंस में गहरी निराशा देखी जा रही है. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दुख जताते हुए कहा कि संगीत को राजनीति और इतिहास से अलग रखा जाना चाहिए. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि स्थानीय भावनाओं और संवेदनशीलता का सम्मान भी उतना ही जरूरी है. आतिफ असलम ने अपने संदेश में यह भी कहा कि वे बांग्लादेश में अपने प्रशंसकों से जल्द मिलने की उम्मीद रखते हैं और भविष्य में बेहतर परिस्थितियों में कार्यक्रम करने की कोशिश करेंगे. फिलहाल यह साफ नहीं है कि यह कॉन्सर्ट दोबारा कब आयोजित होगा या नहीं. लेकिन इतना तय है कि यह घटना दक्षिण एशिया में संगीत, राजनीति और इतिहास के जटिल रिश्ते को एक बार फिर सामने ले आई है.
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