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काशी से उठी विकास की शंखनाद! PM Modi ने दिखाई चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी, जाने क्या है इस सौगात का असली मतलब?
वाराणसी की पवित्र धरती शनिवार सुबह इतिहास रचने की साक्षी बनी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने चार नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर देशवासियों को एक और बड़ी सौगात दी। जैसे ही पीएम मोदी (PM Modi) ने बनारस रेलवे स्टेशन से झंडी लहराई, पूरा स्टेशन “हर-हर महादेव” के जयकारों से गूंज उठा। बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु रूट पर चलने वाली इन ट्रेनों के शुरू होने से यात्रियों को न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम साबित होगा। पीएम मोदी के स्वागत में स्टेशन परिसर को पुष्पमालाओं और तिरंगे रंगों से सजाया गया था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक संगीत और शंखनाद के साथ प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। इस पूरे आयोजन में उत्सव और गर्व दोनों का संगम दिखाई दिया, मानो काशी ने एक बार फिर विकास की गंगा बहा दी हो।
रिठाला मेट्रो के पास रात का कहर: बंगाली बस्ती में धधकी आग ने लील ली 500 झुग्गियां, मौत का सन्नाटा फैला
दिल्ली की सर्द रात अचानक भयावह चीखों में बदल गई जब रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास स्थित बंगाली बस्ती की झुग्गियों में अचानक आग भड़क उठी। शुक्रवार की देर रात करीब 10:56 बजे जब लोग अपने परिवारों के साथ सोने की तैयारी में थे, तभी आग की लपटों ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया। देखते ही देखते करीब 400 से 500 झुग्गियां राख में तब्दील हो गईं। दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी गई और करीब 15 फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि कई लोग अपना सब कुछ खो बैठे। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया है।
सिलेंडर धमाकों से गूंजा इलाका, हर तरफ फैली अफरातफरी
दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जब तक टीम मौके पर पहुंची, कई एलपीजी सिलेंडर फट चुके थे, जिससे आग और भी तेज हो गई। इन धमाकों की आवाज़ें इतनी जोरदार थीं कि आसपास के इलाकों में भी दहशत फैल गई। लोगों ने जैसे-तैसे अपने बच्चों और जरूरी सामानों को लेकर भागना शुरू किया। कई परिवारों के पास अब सिर्फ राख के ढेर बचे हैं। राहत और बचाव कार्य पूरी रात जारी रहा, वहीं दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने आग पर काबू पाने के साथ-साथ प्रभावित लोगों को पास के स्कूलों और राहत शिविरों में अस्थायी तौर पर ठहराने की व्यवस्था की है।जांच में जुटी टीमें, मुआवजे की मांग तेज
आग लगने के सही कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा सिलेंडर फटने से हुआ, जबकि कुछ का मानना है कि बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट इसकी वजह हो सकता है। फिलहाल फॉरेंसिक टीम और दमकल विभाग की जांच जारी है। हादसे के बाद स्थानीय नेताओं ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग उठाई। वहीं, सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा और दुख दोनों ही झलक रहा है। शहर की यह दर्दनाक घटना फिर से उस सवाल को खड़ा करती है — क्या राजधानी में झुग्गी बस्तियों की सुरक्षा को लेकर अब भी लापरवाही बरती जा रही है?Read more-कट्टा, दुनाली और फिरौती की चेतावनी… औरंगाबाद में मोदी ने किसे कहा ‘खतरा बिहार के भविष्य का’?लखनऊ नगर निगम में ‘छिपे हाथों’ की पड़ताल शुरू! बांग्लादेशी और रोहिंग्या सफाईकर्मियों की होगी पहचान, मेयर ने खुद किया ऐलान
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम के सफाई तंत्र में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिक सफाईकर्मी के रूप में काम कर रहे हैं, जो अब प्रशासन के रडार पर हैं। नगर निगम को मिली आंतरिक रिपोर्ट में बताया गया है कि कई आउटसोर्सिंग एजेंसियां सस्ते मजदूरों की तलाश में संदिग्ध लोगों को काम पर रख रही हैं। इन मजदूरों में कई की पहचान संदिग्ध बताई जा रही है, जो खुद को पश्चिम बंगाल या असम का निवासी बताते हैं, लेकिन दस्तावेजों में गड़बड़ी की संभावना जताई जा रही है।इस सूचना के बाद लखनऊ नगर निगम प्रशासन ने सभी जोनल सेनेटरी अधिकारियों को एक हफ्ते के अंदर अपने-अपने जोन में काम करने वाले कर्मियों का पुलिस सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने भी स्पष्ट कहा है कि कोई भी ठेकेदार बिना सत्यापन के किसी को काम पर न लगाए। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब शहर में सुरक्षा और पहचान से जुड़ी फाइलें लगातार चर्चा में हैं।
मेयर सुषमा खर्कवाल ने दी सख्त चेतावनी
लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने खुद इस मामले पर एक्शन लेते हुए घोषणा की है कि सोमवार से शहर में विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें सभी संदिग्ध सफाईकर्मियों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम किसी भी हालत में ऐसे लोगों को काम करने की अनुमति नहीं देगा जिनकी पहचान साफ नहीं है।सूत्रों के मुताबिक, नगर निगम के ठेकों पर काम करने वाले कई ठेकेदारों ने सस्ते लेबर के लालच में बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों को भर्ती कर लिया था, जिससे स्थानीय सफाईकर्मियों में भी नाराजगी फैल गई है। स्थानीय संगठनों ने कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन अब जाकर प्रशासन ने औपचारिक कार्रवाई शुरू की है। खर्कवाल ने कहा, “सफाई व्यवस्था में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कोई ठेकेदार दोषी पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।”पुलिस करेगी गहन जांच, रिपोर्ट पहुंचेगी गृह विभाग तक
नगर निगम के इस निर्णय के बाद लखनऊ पुलिस भी सक्रिय हो गई है। पुलिस विभाग ने संकेत दिए हैं कि जिन कर्मियों पर संदेह होगा, उनके दस्तावेजों की जांच केंद्रीय डेटाबेस से कराई जाएगी। यदि पाया गया कि कोई व्यक्ति अवैध रूप से भारत में रह रहा है, तो उसके खिलाफ विदेशी नागरिक अधिनियम और अन्य धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।जानकारी के मुताबिक, लखनऊ में कूड़ा उठाने और सफाई का काम पूरी तरह आउटसोर्सिंग पर है, जहां हजारों मजदूर प्रतिदिन अलग-अलग इलाकों में काम करते हैं। इनमें से कई की पहचान संदिग्ध है। नगर निगम को मिली प्रारंभिक रिपोर्ट में अनुमान है कि ऐसे कर्मियों की संख्या हजारों में हो सकती है। यही वजह है कि अब पुलिस और प्रशासन दोनों मिलकर इस पूरे नेटवर्क की छानबीन में जुट गए हैं।यह मामला सिर्फ सफाई तंत्र का नहीं बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है। प्रशासन अब इस बात का भी पता लगाएगा कि इन लोगों को काम पर रखने वाले ठेकेदारों का नेटवर्क कहां तक फैला है और इनके दस्तावेज कहां से तैयार किए गए हैं।Read more-सस्पेंस और अफरा-तफरी: गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में धुआं उठने से मच गई खलबली, क्या बच गया बड़ा हादसा?इतना बड़ा इवेंट… और अंबानी खानदान की बहुएं छोड़ आईं शाही चमक! सूट-सलवार में दिखीं ऐसी सादगी कि सबकी आंखें ठहर गईं
जब बात अंबानी परिवार की महिलाओं की होती है, तो सबसे पहले दिमाग में आता है चमक-दमक, डिजाइनर गहने और हैवी लहंगे। लेकिन इस बार तस्वीर कुछ अलग थी। मुंबई में हुए एक खास फैमिली इवेंट में ईशा अंबानी, श्लोका मेहता और राधिका मर्चेंट ने सबको चौंका दिया। तीनों ने अपने हाई-फाई ग्लैमरस अवतार से हटकर बेहद सादे सूट-सलवार में शिरकत की। इस लुक ने यह साबित कर दिया कि सादगी में भी कितनी गहराई और एलिगेंस होती है।ईशा अंबानी जहां हमेशा इंटरनेशनल डिजाइनर्स के क्रिएशंस में नजर आती हैं, वहीं इस बार उन्होंने हल्के पेस्टल कलर का सूट चुना जिसमें न तो कोई भारी कढ़ाई थी और न ही चटक रंग। उनका यह मिनिमल लेकिन ग्रेसफुल लुक सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रहा है। लोग कह रहे हैं — “इतने बड़े घर की बेटी और इतनी सिंपल ड्रेस… यही तो असली क्लास है!”
श्लोका मेहता का ब्लू सूट बना चर्चा का विषय
अब बात करें घर की बड़ी बहू श्लोका मेहता की। उन्होंने इस इवेंट के लिए नीले रंग का शॉर्ट कुर्ता और प्लाजो पैंट पहना। कुर्ते की नेकलाइन राउंड रखी गई थी, जिसे हल्के ‘V’ कट में डिज़ाइन किया गया। कपड़े पर खूबसूरत एम्ब्रॉयडरी से फूलों की बेल बनाई गई थी, जो पूरे कुर्ते को जीवंत बना रही थी। बॉर्डर पर भी वही कढ़ाई दोहराई गई, जिससे लुक और भी क्लासी लग रहा था। इसके साथ श्लोका ने प्लेन प्लाजो और क्रीम कलर का दुपट्टा कैरी किया, जिसके बॉर्डर पर पिंक, येलो और ऑरेंज फ्लोरल डिजाइन बनाया गया था।श्लोका ने अपने इस लुक को बिना किसी भारी ज्वेलरी के बेहद सहज अंदाज में स्टाइल किया। उन्होंने नीता अंबानी का लग्जरी हैंडबैग थामा और कानों में डायमंड स्टड्स पहने। पांवों में फ्लैट सैंडल्स और माथे पर छोटी सी गुलाबी बिंदी— इस देसी लुक ने सभी का दिल जीत लिया। मिडिल पार्टीशन के साथ खुले बालों में उनका सिंपल हेयरस्टाइल शालीनता का प्रतीक लग रहा था।View this post on Instagram
राधिका और ईशा ने भी दिखाई एलिगेंट चार्म
राधिका मर्चेंट और ईशा अंबानी ने भी अपने आउटफिट्स से ‘लेस इज मोर’ की फीलिंग को बखूबी पेश किया। राधिका ने ऑफ-व्हाइट सूट में हल्की गोल्डन झलक दी, जो पारंपरिक होने के साथ मॉडर्न भी लगा। वहीं ईशा अंबानी का हल्के गुलाबी रंग का सूट बेहद एलीगेंट था, जिसकी स्लीव्स और बॉर्डर पर नाजुक लेसवर्क किया गया था। दोनों के आउटफिट्स में कोई चटक रंग नहीं था, लेकिन उनके चेहरे की मुस्कान और कॉन्फिडेंस ने पूरे माहौल को रोशन कर दिया।अंबानी परिवार की इन तीनों महिलाओं ने यह साबित कर दिया कि सादगी ही असली शान है। चाहे कोई फैशन ब्रांड हो या कोई हाई-प्रोफाइल इवेंट, ग्रेस तब ही झलकता है जब इंसान खुद सहज हो। ईशा, श्लोका और राधिका ने जो सादगी भरा अंदाज अपनाया, उसने ट्रेंड्स से ज्यादा दिलों पर असर किया।Read more-सस्पेंस और अफरा-तफरी: गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में धुआं उठने से मच गई खलबली, क्या बच गया बड़ा हादसा?कट्टा, दुनाली और फिरौती की चेतावनी… औरंगाबाद में मोदी ने किसे कहा ‘खतरा बिहार के भविष्य का’?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी जैसे-जैसे बढ़ रही है, सियासी तीरों की धार भी तेज होती जा रही है। शुक्रवार को औरंगाबाद की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी महागठबंधन पर करारा प्रहार किया। मंच से मोदी ने कहा, “भैया की सरकार आएगी तो कट्टा, दुनाली, फिरौती और रंगदारी का दौर लौट आएगा।” उनके इस बयान से सभा में मौजूद भीड़ जोश से भर उठी। मोदी ने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव और आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के लोग अब बच्चों तक को रंगदारी की राह दिखाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार के लोग अब जंगलराज की वापसी किसी भी कीमत पर नहीं चाहते। रैली का माहौल ऐसा था मानो जनता पहले ही तय कर चुकी हो कि इस बार “विकास” ही वोट का मुद्दा बनेगा, डर नहीं।
बंदूक की नोक पर सीएम पद छीनने का आरोप
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “इंडिया गठबंधन” में मुख्यमंत्री पद को आरजेडी ने बंदूक की नोक पर चुराया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को वे सीटें दी गई हैं जहाँ से वह पिछले 35-40 सालों में कभी नहीं जीती — यह दिखाता है कि गठबंधन के भीतर भरोसा नहीं, बल्कि मजबूरी है। मोदी ने जनता से पूछा, “क्या आप फिर से बिहार को उसी अंधेरे दौर में लौटते देखना चाहते हैं?” सभा में मौजूद हजारों लोगों ने “नहीं” के नारे से जवाब दिया। पीएम ने कहा कि बिहार का नौजवान अब जान चुका है कि झूठे वादों और जात-पात की राजनीति से पेट नहीं भरता, रोजगार और ईमानदार सरकार ही असली विकास का रास्ता है।उन्होंने यह भी कहा कि पिछले शासन में बिहार की पहचान “लालटेन” से थी, लेकिन एनडीए ने उसी बिहार को “एलईडी” की रौशनी में बदल दिया। उन्होंने तंज करते हुए कहा, “कुछ लोग अब भी लालटेन में तेल डालने की जिद पर अड़े हैं, लेकिन बिहार का भविष्य अब उजाले की राह पर है।”एनडीए की विकास योजनाओं का ब्योरा और नया विज़न
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दूसरे हिस्से में एनडीए सरकार के कामों का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि एनडीए की सोच सिर्फ सत्ता में बने रहने की नहीं, बल्कि बिहार को उद्योग और रोजगार का केंद्र बनाने की है। मोदी ने बताया कि राज्य के हर क्षेत्र की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की गई हैंउन्होंने कहा, “बिहार में जहां जैसी क्षमता है, वहां वैसी ही इंडस्ट्री लगाई जा रही है। किसी जगह फूड प्रोसेसिंग यूनिट, तो कहीं टेक्नोलॉजी पार्क — यह नया बिहार, नया भारत का प्रतीक बनेगा।”मोदी ने युवाओं से अपील की कि वे “विकास की राजनीति” को वोट दें, न कि “विवाद की राजनीति” को। उनका कहना था कि अब समय है बिहार को “निर्भरता से आत्मनिर्भरता” की ओर ले जाने का।राजनीतिक तापमान और जनता की प्रतिक्रिया
रैली के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। विपक्षी नेताओं ने मोदी के बयान को “भड़काऊ” बताया, जबकि एनडीए समर्थकों ने इसे “सच्चाई का आईना” कहा। स्थानीय लोगों में भी चर्चा गर्म है — कोई कहता है कि यह चुनाव विकास बनाम जंगलराज का होगा, तो कोई मानता है कि बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दे भी निर्णायक रहेंगे।मोदी की इस सभा से यह साफ है कि भाजपा और एनडीए पूरी ताकत से बिहार चुनाव में उतर चुके हैं, जबकि महागठबंधन पर दबाव बढ़ गया है।Read more-Lucknow: शिक्षा की आड़ में फर्जीवाड़े का साम्राज्य! ईडी की रेड से हिली यूनिवर्सिटियां, निकले करोड़ों के सबूतसुबह की शुरुआत में भूलकर भी न करें ये 4 काम! एक गलती बिगाड़ सकती है आपका पूरा दिन
कहते हैं, “दिन की शुरुआत जैसी होती है, वैसा ही बीतता है पूरा दिन।” लेकिन आज के भागदौड़ भरे दौर में हम सुबह उठते ही कुछ ऐसी आदतें अपना लेते हैं जो धीरे-धीरे हमारे मूड, फोकस और एनर्जी लेवल को नुकसान पहुंचाती हैं। नींद से जागते ही हमारा शरीर और दिमाग दोनों एक नई शुरुआत के लिए तैयार होते हैं, लेकिन अगर हम उसी पल गलत काम करने लग जाएं तो शरीर को स्ट्रेस, आलस और थकान का एहसास होने लगता है।विशेषज्ञों के अनुसार, सुबह के पहले 30 मिनट को ‘गोल्डन टाइम’ कहा जाता है — यानी ये समय आपकी पूरी दिनचर्या को तय करता है। अगर इस वक्त आप गलत चीज़ें करते हैं, तो न सिर्फ आपकी एकाग्रता खत्म हो जाती है बल्कि पूरे दिन के लिए मोटिवेशन और एनर्जी भी घटने लगती है।
आंख खुलते ही सोशल मीडिया में डूब जाना
आज का डिजिटल युग हमें लगातार नोटिफिकेशन्स और अपडेट्स के बीच जीना सिखा चुका है। जैसे ही हम उठते हैं, हाथ अपने आप मोबाइल की ओर बढ़ता है। लेकिन यही हमारी सबसे बड़ी सुबह की गलती है।सुबह उठते ही सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से दिमाग पर अनावश्यक सूचना और तुलना का दबाव बढ़ जाता है। दूसरों की पोस्ट देखकर हमारा मूड अनजाने में प्रभावित होता है — कभी जलन, कभी उदासी, तो कभी बेवजह का तनाव। विशेषज्ञों के अनुसार, नींद के बाद हमारा मस्तिष्क अभी रिलैक्स मोड में होता है और उस पर अचानक डिजिटल इनपुट डालने से कॉर्टिसोल हार्मोन (स्ट्रेस हार्मोन) बढ़ जाता है।इसका असर दिनभर दिखता है — मन काम में नहीं लगता, ध्यान भटकता है और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। अगर आप चाहते हैं कि दिनभर शांति और फोकस बना रहे, तो कोशिश करें कि नींद खुलने के बाद कम से कम 30 मिनट तक मोबाइल से दूरी रखें।सुबह-सुबह मसालेदार और हैवी नाश्ता करना
कई लोगों की सुबह की शुरुआत छोले-भटूरे, आलू-पूरी या पराठों से होती है। हालांकि स्वाद के लिहाज से यह शानदार लग सकता है, लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह सुबह का सबसे खराब निर्णय साबित हो सकता है।सुबह के समय हमारा पाचन तंत्र पूरी तरह एक्टिव नहीं होता, ऐसे में हैवी या मसालेदार खाना खाने से एसिडिटी, गैस और अपच जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही शरीर सुस्ती महसूस करने लगता है और पूरे दिन थकान बनी रहती है।आयुर्वेद के अनुसार, सुबह का भोजन हल्का, पौष्टिक और एनर्जेटिक होना चाहिए — जैसे दलिया, ओट्स, मूंग दाल चीला, फल या ड्राई फ्रूट्स। इससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है और पाचन भी संतुलित रहता है।बिना पानी पिए दिन की शुरुआत करना
सुबह उठते ही पानी न पीना भी एक आम लेकिन गंभीर गलती है। पूरी रात नींद के दौरान शरीर डीहाइड्रेट हो जाता है। ऐसे में आंख खुलते ही एक गिलास गुनगुना पानी पीने से न सिर्फ टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, बल्कि मेटाबॉलिज्म भी तेज होता है।अगर आप बिना पानी पिए चाय या कॉफी पी लेते हैं, तो पेट में एसिडिटी और गैस बनने की संभावना बढ़ जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं, “सुबह का पहला गिलास पानी आपके पूरे दिन की नींव रखता है।” इसलिए चाहे मौसम कोई भी हो, नींद खुलते ही शरीर को हाइड्रेशन जरूर दें।बिस्तर पर देर तक लेटे रहना
सुबह अलार्म बजने के बाद “बस पांच मिनट और” कहना हम सभी की आदत बन चुकी है। लेकिन यही ‘पांच मिनट’ पूरे दिन की लेथार्जी की जड़ है। देर तक बिस्तर पर लेटे रहने से शरीर में सुस्ती और दिमाग में भारीपन महसूस होता है।नींद खुलते ही तुरंत उठना, स्ट्रेचिंग करना या कुछ देर योग और ध्यान लगाना शरीर को एनर्जी देने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और मन शांत रहता है। अगर आप यह आदत डाल लेते हैं, तो धीरे-धीरे आपका मूड, आत्मविश्वास और उत्पादकता — तीनों में फर्क दिखने लगेगा।सुबह की सही शुरुआत ऐसे करें
अगर आप चाहते हैं कि आपका दिन पॉजिटिविटी से भरा हो, तो इन छोटी-छोटी आदतों को बदलें। सुबह उठते ही मुस्कुराना, पानी पीना, कुछ गहरी सांसें लेना और 5 मिनट तक कृतज्ञता महसूस करना — ये सब आपकी मानसिक स्थिति को बेहद सकारात्मक बना सकते हैं। याद रखिए, सुबह का पहला घंटा आपके पूरे दिन की दिशा तय करता है। इसे डिजिटल शोर, मसालेदार नाश्ते या आलस में बर्बाद न करें।Read more-Lucknow: शिक्षा की आड़ में फर्जीवाड़े का साम्राज्य! ईडी की रेड से हिली यूनिवर्सिटियां, निकले करोड़ों के सबूतसस्पेंस और अफरा-तफरी: गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में धुआं उठने से मच गई खलबली, क्या बच गया बड़ा हादसा?
गोरखपुर से लखनऊ की ओर रवाना हुई ट्रेन संख्या 15031 गोरखपुर-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में अचानक एक गंभीर घटना घटी। जब ट्रेन जरवल और सरयू स्टेशन के बीच से गुजर रही थी, तो D6 कोच से अचानक धुआं उठने लगा, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक सामान्य सफर इस कदर खतरनाक मोड़ ले सकता है। देखते ही देखते यात्री घबराकर ट्रेन से बाहर कूदने लगे, लेकिन समय रहते लोको पायलट ने ट्रेन को रोक लिया और हादसा होने से बच गया।
ब्रेक बैंडिंग से हुआ था धुएं का उत्सर्जन, स्थिति पर तुरंत काबू पाया गया
घटना के बाद रेलवे अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति की जांच की। जांच में यह सामने आया कि ट्रेन से उठने वाला धुआं ब्रेक बैंडिंग की वजह से था, यानी ब्रेक के घर्षण से उत्पन्न हुआ। गनीमत रही कि यह केवल एक तकनीकी समस्या थी और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। लोको पायलट और ऑन-बोर्ड स्टाफ की सतर्कता की वजह से ट्रेन को तुरंत रोका गया और स्थिति को नियंत्रित किया गया। करीब 10 मिनट के भीतर ट्रेन की जांच पूरी की गई और जब यह सामान्य स्थिति में आई, तो उसे आगे के सफर के लिए रवाना कर दिया गया।यात्रियों की सतर्कता और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने बढ़ाई चिंता
घटना के दौरान यात्रियों ने अपने मोबाइल फोन से धुआं उठते हुए और ट्रेन से कूदते हुए वीडियो और फोटो खींचे, जिन्हें उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर पोस्ट कर दिया। कुछ ही देर में ये वीडियो वायरल हो गए और लोगों के बीच अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि इस तरह की स्थिति में घबराने की बजाय रेलवे स्टाफ से संपर्क करें ताकि स्थिति को शीघ्र नियंत्रित किया जा सके। इस घटना ने रेलवे अधिकारियों को ट्रेन के ब्रेक और कोच सिस्टम की नियमित जांच प्रक्रिया को और सख्त करने का निर्णय लेने पर मजबूर कर दिया।READ MORE-IPL 2026 से पहले बड़ा झटका! क्या MS धोनी अब नहीं उतरेंगे मैदान में? चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक का चौंकाने वाला बयान वायरलLucknow: शिक्षा की आड़ में फर्जीवाड़े का साम्राज्य! ईडी की रेड से हिली यूनिवर्सिटियां, निकले करोड़ों के सबूत
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के खिलाफ देशभर में सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक को अंजाम दिया। ईडी की करीब 10 टीमों ने एक साथ उत्तर प्रदेश के हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी और उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज समेत दिल्ली, फरीदाबाद, गुड़गांव और सोनीपत के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। कार्रवाई का मकसद उन नेटवर्क्स का पर्दाफाश करना था जो छात्रों को पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट उपलब्ध कराते थे।सूत्रों के मुताबिक, यह पूरा रैकेट बीते कई वर्षों से सक्रिय था और देशभर में सैकड़ों छात्रों को नकली डिग्रियां बेच चुका था। ईडी ने जिन जगहों पर छापा मारा, वहां से बड़ी मात्रा में कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, सील, संस्थान के लेटरहेड, और संदिग्ध अकाउंट बुक्स जब्त की गई हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, यह नेटवर्क केवल एक या दो संस्थानों तक सीमित नहीं था बल्कि कई निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों तक फैला हुआ था।
प्रिंसिपल के ठिकाने पर दबिश, मिले चौंकाने वाले दस्तावेज़
ईडी की छापेमारी के दौरान सबसे बड़ी कार्रवाई उन्नाव के सरस्वती मेडिकल कॉलेज में हुई, जहां से एजेंसी को फर्जी एडमिशन रिकॉर्ड और संदिग्ध भुगतान रसीदें मिलीं। इसी कड़ी में एजेंसी ने कॉलेज प्रिंसिपल अखिलेश मौर्य के गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ स्थित घर और उनकी एक अन्य संस्था पर भी छापे मारे। बताया जा रहा है कि वहां से कई डिजिटल डिवाइस, बैंक स्टेटमेंट और दस्तावेज़ बरामद किए गए हैं, जो सीधे फर्जी मार्कशीट सिंडिकेट से जुड़े हो सकते हैं।एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि यह गिरोह छात्रों से मोटी रकम लेकर मार्कशीट और डिग्री तैयार कर उन्हें विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड में दर्ज कराता था, जिससे वे असली जैसी लगती थीं। इस नेटवर्क के जरिए कई छात्रों को मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे संवेदनशील कोर्सों में भी एडमिशन दिलवाया गया।फर्जी डिग्री का राष्ट्रीय नेटवर्क – लाखों छात्रों की करियर पर संकट
ईडी के पास जो सबूत मिले हैं, वे संकेत दे रहे हैं कि यह सिर्फ एक राज्य का नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर का एजुकेशनल फर्जीवाड़ा है। जांच में अब तक सामने आया है कि इस रैकेट से कई प्राइवेट कॉलेजों, ब्रोकरों और शैक्षणिक कंसल्टेंट्स का नेटवर्क जुड़ा हुआ है। माना जा रहा है कि इन संस्थानों के जरिए न केवल देश बल्कि विदेशों में भी फर्जी डिग्रियां बेची जा रही थीं।ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। एजेंसी का दावा है कि कुछ संदिग्ध खातों में करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ है, जिसकी ट्रेसिंग फिलहाल जारी है। जांच पूरी होने के बाद कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है। जांच एजेंसी ने कहा है कि जिन छात्रों ने इस नेटवर्क के जरिए फर्जी डिग्रियां हासिल की हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।Read more-Bihar Election 2025: मतदान से पहले पीएम मोदी का ऐसा संदेश, जिसने बिहार को सोचने पर मजबूर कर दिया!चार साल बाद टूटी टीवी की सबसे प्यारी जोड़ी! Nil Bhatt और ऐश्वर्या शर्मा ने दी तलाक की अर्जी
टीवी इंडस्ट्री के लोकप्रिय कलाकार नील भट्ट (Nil Bhatt) और ऐश्वर्या शर्मा (Aishwarya Sharma) की जोड़ी कभी दर्शकों की सबसे पसंदीदा जोड़ी मानी जाती थी। दोनों की मुलाकात सीरियल ‘गुम है किसी के प्यार में’ के सेट पर हुई थी, और वहीं से शुरू हुई उनकी प्रेम कहानी 2021 में शादी तक पहुंची। लेकिन अब खबरें हैं कि दोनों का रिश्ता अपने अंत की ओर बढ़ चुका है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कपल ने आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दाखिल कर दी है, हालांकि इस पर दोनों ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
अलगाव की खबरों से सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
जैसे ही दोनों के अलग होने की खबरें आईं, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई फैंस ने दुख जताया तो कुछ ने उम्मीद जताई कि शायद यह महज एक गलतफहमी हो। नील(Nil Bhatt) और ऐश्वर्या दोनों ने हाल के महीनों में एक-दूसरे की पोस्ट्स पर कम इंटरैक्शन किया है, जिससे अटकलें और तेज हो गईं।रिश्ते में दूरी या सिर्फ अफवाह?
मनोरंजन जगत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि Nil Bhatt और Aishwarya Sharma ने कपल पिछले कुछ समय से एक-दूसरे से दूर रह रहा था। कहा जा रहा है कि शूटिंग शेड्यूल और काम के दबाव ने दोनों के रिश्ते में खटास पैदा कर दी। हालांकि, दोनों की तरफ से कोई स्पष्ट बयान नहीं आने के कारण यह तय नहीं हो पाया है कि मामला कितना गंभीर है या यह सिर्फ मीडिया की अटकलें हैं।View this post on Instagram
चुप्पी ने बढ़ाई रहस्य की परत
ऐश्वर्या शर्मा ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ इमोशनल पोस्ट्स शेयर किए थे, जिन्हें फैंस ने उनके निजी जीवन से जोड़कर देखा। वहीं नील भट्ट ने भी बीते कुछ महीनों से मीडिया से दूरी बनाई हुई है। दोनों की चुप्पी ने इस खबर को और रहस्यमय बना दिया है।फैंस की अपील – ‘दोनों खुश रहें, चाहे साथ हों या अलग’
नील भट्ट (Nil Bhatt) और ऐश्वर्या के फैंस ने सोशल मीडिया पर उन्हें सकारात्मक संदेश भेजे हैं। कुछ ने लिखा कि “अगर अलग रहना ही सुकून है, तो यही सही फैसला होगा”, जबकि कुछ अब भी दोनों के एक होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।READ MORE-Bihar Election 2025: मतदान से पहले पीएम मोदी का ऐसा संदेश, जिसने बिहार को सोचने पर मजबूर कर दिया!IPL 2026 से पहले बड़ा झटका! क्या MS धोनी अब नहीं उतरेंगे मैदान में? चेन्नई सुपर किंग्स के मालिक का चौंकाने वाला बयान वायरल
महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का नाम क्रिकेट में सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक भरोसे का प्रतीक है. जब भी आईपीएल (IPL) का नाम आता है, तो फैंस की पहली नजर पीली जर्सी में थाला धोनी पर ही टिक जाती है. लेकिन अब चर्चा जोरों पर है कि क्या धोनी IPL 2026 में नहीं खेलेंगे? दरअसल, CSK के मालिक एन. श्रीनिवासन ने इस पर बड़ा बयान दिया है, जिससे धोनी फैंस के बीच हलचल मच गई है.
