ना खाने की व्यवस्था, ना नहाने का साधन,जाने सुरंग में कैसे काटे 41 मजदूरों ने 17 दिन और राते

आखिर कैसे 41 मजदूरों ने वहां पर दिन और रात गुजारे हैं। 17 दिन बाद जैसे ही सुरंग से मजदूर बाहर आए परिवार वालों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। सुरंग से बाहर आने के बाद सभी मजदूरों ने अपना अपना हाल बयां किया है।

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Uttarkashi Tunnel Rescue

Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी कि सुरंग में 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को कल देर रात बाहर निकाल लिया गया है। सभी मजदूर सुरक्षित हैं और सभी का मेडिकल चेकअप भी हो चुका है। वहीं हर कोई यही जानना चाहता है कि अंधेरी सुरंग में 41 मजदूरों ने 17 रातें और 17 दिन कैसे काटे होंगे ना वहां पर खान की कोई व्यवस्था थी ना ही कोई नहाने का साधन था। आखिर कैसे 41 मजदूरों ने वहां पर दिन और रात गुजारे हैं। 17 दिन बाद जैसे ही सुरंग से मजदूर बाहर आए परिवार वालों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। सुरंग से बाहर आने के बाद सभी मजदूरों ने अपना अपना हाल बयां किया है।

बूंद -बूंद टपकते पानी से नहाया

17 दिनों से अंधेरी सुरंग में रह रहे झारखंड के मजदूर चमरा ओरांव ने बाहर आने के बाद अपना हाल बयां करते हुए बताया है कि पहले 2 से 3 दिन तक उन्हें लगा कि वह बच नहीं पाएंगे। लेकिन एक दूसरे को हिम्मत बनाते हुए उन्होंने दिन काटे हैं। जब उनसे पूछा गया कि वहां पर उन्होंने नहाया और खाया कैसे इसका जवाब देते हुए चमरा ने बताया कि, वहां एक जगह बूंद बूंद पानी टपकता था उसी से हम लोग नहाते थे। टाइमपास के लिए मोबाइल पर लूडो खेलते थे कभी ग्रुप में बैठकर अपने-अपने परिवारों के किस्से सुनाते थे। जब भी किसी की हिम्मत हारने लगती थी तो हौसला बढ़ाने के लिए कहते थे कि अरे भाई टेंशन मत लो हम सब बाहर जरूर निकालेंगे। शुरुआत में तो हमने मुरमुरे आदि खाकर भूख मिटाई।

एक जगह पर बनाया था शौच का स्थान

चमरा ने आगे बताते हुए कहा कि, सुरंग के अंदर स्पेस काफी था इसीलिए हमने एक जगह शौच के लिए बनाई थी। सुरंग के अंदर इधर-उधर भटक कर भी टाइम बिता लेते थे। पहले हमें यही लगा कि चार-पांच दिन में हम बाहर निकल आएंगे लेकिन ऐसा बोलते बोलते ज्यादा दिन बीत गए फिर भी हमारी हिम्मत नहीं टूटी हमें खाने के लिए फल और खिचड़ी आई थी। वही सुरंग में फंसे मजदूर चमार ने रेस्क्यू ऑपरेशन टीम और सरकार का तहे दिल से धन्यवाद भी किया है।

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