“पुलिस मौके पर मौजूद थी, वो लोग कपड़े उतरवा रहे…” पीड़िता की मां का हैरान करने वाला बयान आया सामने

पीड़ित महिलाएं और उनका परिवार पूरी तरीके से सदमे में है. आरोपियों ने एक महिला के साथ हैवानियत की हरकत करने से पहले उसके पिता और भाई को उसके सामने ही मार डाला था.

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Manipur Violence

Manipur Violence: मणिपुर में 3 महिलाओं के कपड़े उतरवाकर उन्हें सड़क पर घुमाने का जो वीडियो सामने आया, इसको देखकर पूरा देश हिल चुका है. इस कांड की चर्चा सड़क से लेकर संसद तक चल रही है. सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक इस घटना की निंदा करती जा रही है. पीड़ित महिलाएं और उनका परिवार पूरी तरीके से सदमे में है. आरोपियों ने एक महिला के साथ हैवानियत की हरकत करने से पहले उसके पिता और भाई को उसके सामने ही मार डाला था. पीड़िता की मां ने बोला था कि तबाह हुए परिवार की कभी भी अपने गांव के लौटने की संभावना नहीं है.

सदमें में है पीड़िता की मां

पीड़िता की मां बहुत ही सदमे में है बातचीत के दौरान को ज्यादा देर तक कुछ बोल नहीं पाई. उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर सरकार ने हिंसा को रोकने और उन लोगों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया.पीड़िता की मां ने बोला की भीड़ ने मेरा घर जला दिया. पति और बेटे को मार डाला फिर मेरी बेटी के साथ वह सब किया उसके कपड़े उतरवाए. सड़क पर घुमाया यौन हिंसा की गई. यह घटना 4 मई की है इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है. इस मामले में पुलिस ने अभी तक 5 लोगों को अरेस्ट कर लिया है.

पीड़िता की मां ने बातचीत में बताया कि

“मैंने सबसे छोटा बेटा खो दिया है, जो मेरी पूरी उम्मीद था. मैं उम्मीद कर रही थी कि एक बार वह 12वीं की पढ़ाई पूरी कर लेगा तो कुछ काम करने लगेगा. बहुत मुश्किलों के बाद मैंने उसे उचित शिक्षा हासिल करने के लिए स्कूल भेजा था. अब उसके पिता भी नहीं रहे. मेरे बड़े बेटे के पास नौकरी नहीं है. इसलिए जब मैं अपने परिवार के भविष्य के बारे में सोचती हूं, तो मुझे लगता है कि कोई उम्मीद नहीं बची है. मैं निराश और असहाय महसूस करती हूं. मेरे दिमाग में और कुछ भी नहीं चल रहा है.”

3 मई को हुई थी हिंसा

मणिपुर में 3 मई को जो हिंसा हुई, वह हर जगह फैल गई है और अब जगह-जगह आगजनी और लूट की घटनाएं बढ़ती जा रही है जातीय हिंसा में अभी तक 120 से अधिक लोग की जान जा चुकी है. एक पीड़िता की मां ने बोला कि जो हुआ उसके बाद अपने गांव लौटने का विचार भी दिमाग में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि “हमारे गांव वापस जाने की कोई संभावना नहीं है. नहीं… हम वापस नहीं जा सकते. मैं वापस नहीं जाना चाहती. हमारे घर जला दिए गए हैं, हमारे खेत बर्बाद हो गए हैं. मैं वापस क्यों जाऊंगी? मेरा गांव जल गया है. मुझे नहीं पता कि मेरा और मेरे परिवार का भविष्य क्या होगा?”

हाथ पर हाथ धरे खड़ी रही पुलिस

फिर गांव में एक महिला ने बातचीत के दौरान आरोप लगाया है कि मौके पर पुलिस मौजूद थी. वह लोग कपड़े उतरवा रहे थे यौन हिंसा कर रहे थे, लेकिन पुलिस में कुछ भी नहीं किया. यह मामला 4 मई का है इसकी पहली एफआईआर 15 दिन बाद दर्ज की गई. पहली गिरफ्तारी गुरुवार को हुई.

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