Tuesday, December 23, 2025

स्कूल में घुसा खतरनाक जानवर, कक्षा 6 के छात्र को जंगल की ओर उठा ले गया भालू; फिर छात्रा ने ऐसे बचाई जान

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में जंगली जानवरों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ताजा मामला चमोली जिले के पोखरी क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक सरकारी जूनियर हाईस्कूल में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब अचानक एक भालू स्कूल परिसर में घुस आया। पोखरी जूनियर हाईस्कूल हरिशंकर में बच्चे रोज की तरह पढ़ाई में लगे हुए थे, तभी अचानक शोर सुनाई दिया। किसी को संभलने का मौका भी नहीं मिला और भालू सीधे स्कूल के भीतर पहुंच गया। बच्चों और शिक्षकों को समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। पहाड़ी इलाकों में भालुओं की बढ़ती गतिविधि के बीच यह घटना बेहद डरावनी साबित हुई। स्कूल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर भालू का घुस आना पूरे इलाके में चिंता का विषय बन गया है।

कक्षा 6 के छात्र को उठाकर ले गया भालू

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, भालू ने स्कूल में घुसते ही कक्षा 6 के एक छात्र को पकड़ लिया और उसे उठाकर करीब 200 मीटर दूर जंगल की ओर ले गया। बच्चे की चीख सुनकर स्कूल में मौजूद अन्य छात्र डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान कक्षा 8 में पढ़ने वाली छात्रा दिव्या ने हिम्मत दिखाई। उसने जोर-जोर से शोर मचाया और भालू के पीछे दौड़ लगाई। दिव्या के शोर और हलचल से घबराकर भालू ने छात्र को नीचे छोड़ दिया और जंगल की ओर भाग गया। अगर समय पर शोर न मचाया गया होता तो छात्र की जान को बड़ा खतरा हो सकता था। घायल छात्र को तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

दूसरे भालू के डर से कमरे में बंद हुए बच्चे

घटना के बाद स्कूल परिसर में दहशत का माहौल बन गया। बच्चों को आशंका थी कि आसपास और भी भालू हो सकते हैं। इसी डर से कई छात्र और शिक्षक एक कमरे में जाकर बंद हो गए। बताया जा रहा है कि इसी दौरान भालू ने कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी की, जिससे बच्चों में और ज्यादा घबराहट फैल गई। बच्चे रोने लगे और चीख-पुकार मच गई। कुछ देर बाद जब शोर बढ़ा तो भालू वहां से चला गया। स्थानीय ग्रामीणों और स्कूल प्रशासन को सूचना दी गई, जिसके बाद मौके पर लोग पहुंचे। बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और स्कूल को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।

इलाके में दहशत, वन विभाग पर उठे सवाल

इस घटना के बाद पूरे इलाके में भय का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ों में भालुओं और अन्य जंगली जानवरों की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। लोगों ने स्कूलों और आबादी वाले क्षेत्रों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है। अभिभावकों में भी गुस्सा है और वे बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन की ओर से वन विभाग की टीम को इलाके में गश्त बढ़ाने और पिंजरे लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह घटना एक बार फिर चेतावनी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मानव और वन्यजीव संघर्ष अब गंभीर रूप ले चुका है और इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

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