बिहार के आसमान में अब खामोशी नहीं बल्कि एक चेतावनी गूंज रही है। अरब सागर से उठकर अपनी दिशा बदलने वाला तूफानी सिस्टम – मोथा – अपने आगे की यात्रा के साथ उत्तर-प्रदेश, झारखंड और बिहार की ओर बढ़ रहा है और उसके प्रभाव की सम्भावनाओं को मौसम विभाग ने गंभीरता से लिया है।
मौसम विभाग ने बताया है कि 30 व 31 अक्टूबर की दरमियानी रात एवं अगले दिन के लिए राज्य के कई जिलों में भारी बारिश, तेज़ हवाओं एवं संभवतः बिजली-कड़कस के साथ अलर्ट जारी किया गया है। कुछ स्थानों पर अति-भारी बारिश और 40 किमी/घंटा से अधिक की हवा तक चलने की संभावना जताई गई है। यह अलर्ट इसलिए और गंभीर है क्योंकि यह समय त्योहार-मोहब्बत के बीच है, जब लोग समुदाय में जुटे हैं और अचानक मौसम बदलने से संकट बढ़ सकता है।
तापमान में भी गिरावट का अनुमान है। अगले एक-दो दिन में अधिकतम तापमान 2-4 डिग्री नीचे जाने की संभावना जताई गई है। अचानक बदलाव के चलते लोगों को छाता, गर्म कपड़े और जरूरी सुरक्षित स्थानों का पूर्व-प्रबंध करने की सलाह दी गई है।
“घूँघट उठने से पहले” – कब, कहाँ और कितना खतरा?
मौसम विज्ञानियों ने बताया है कि तूफान मोथा सीधे बिहार के तट-रेखा से नहीं टकरा रहा, लेकिन इसके प्रसार-क्षेत्र में बनने वाली निम्न-दबाव-प्रणाली और उत्तर-पूर्वी हवाओं में तीव्रता आने के कारण राज्य के उत्तरी व दक्षिणी जिलों में धीमी से लेकर भारी बारिश की संभावना है। ऐसा अनुमान है कि 30 अक्टूबर की देर रात से 31 अक्टूबर को पूर्व-वर्ती जिलों में बारिश की गतिविधि तीव्र हो सकती है।
विशेष रूप से उन जिलों में जोखिम ज़्यादा बताया गया है जहाँ पहाड़ी-सहारे की साइटें, नदी-उपकुल वाले इलाके और पुरानी जल निकासी-समस्याएं मौजूद हैं। तेज़ हवाओं के कारण पेड़ों के गिरने, विद्युत स्तंभों को नुकसान पहुँचने और ट्रैफिक तथा कृषि कार्य बाधित होने की संभावना है।
सरकार और जिलाधिकारी स्तर पर पूर्व-तैयारी शुरू हो चुकी है: राहत-किस्म की जगहों को चिन्हित किया गया है, एजेंसियों को चौक-साल रखा गया है, और लोगों को सुरक्षित स्थान तथा घरों में अस्थायी संरचनाएँ मजबूत करने की सलाह दी गई है। इस दौरान बच्चों, वृद्धों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखने की बात कही जा रही है।
“यह मौका लड़ने का है” – सावधानी, एकजुटता और समय पर कदम
अब समय तैयारी का है क्योंकि यह सिर्फ बारिश नहीं, बल्कि अचानक आई आवाज का संकेत है। राज्य सरकार द्वारा जारी चेतावनियाँ इस प्रकार हैं: घर से बाहर निकलने से पहले मौसम-अपडेट जरूर देखें, बच्चों और बड़े लोगों को अनावश्यक जोखिम में न डालें, छतों पर चलना टालें और बारिश या तेज हवाओं के दौरान खुले स्थानों से दूर रहें।
स्थानीय प्रशासन ने विशेष-रूप से किसान-समुदाय, मछुआरों और नदी-किनारे रहने वालों को सावधान किया है क्योंकि बारिश बढ़ने से नदी-उपकुल इलाकों में कटाव एवं बाढ़ का खतरा हो सकता है। रास्तों, पुल-पुलियों की जाँच-परख पहले से कर ली गई है और आवश्यक आपात-सेवाएँ तैनात हैं।
सबसे जरूरी: मौसम की जानकारी पर भरोसा करें, अफवाहों में न फंसें। परिवार-मित्रों के बीच अलर्ट शेयर करें। जब खिड़कियाँ बंद हों, बिजली जाए या इंटरनेट बाधित हो जाए। तब घबराएँ नहीं, बल्कि शांत रहें और स्थिति पर नजर रखें। आज हम एक-दूसरे का सहारा बनकर इस तूफानी थपेड़े को पार कर सकते हैं।
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