Parliament Monsoon Session: लगातार संसद के दोनों सदनों में मणिपुर पर गतिरोध जारी ही है. एक ओर विपक्ष अड़ा गया है कि सदन के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर हिंसा पर बयान दें तो दूसरी ओर सरकार का कहना है कि हम चर्चा के लिए रेडी हैं, लेकिन विपक्ष भाग रहा है. इसी बीच मंगलवार (25 जुलाई) को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चर्चा करने पर सरकार को डर नहीं है. उन्होंने बोला कि मैंने लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता को चिट्ठी भी लिख दी है.
अमित शाह ने मल्टी स्टेट कोपरेटिव अमेंडमेंट बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए बोला है कि, ”उनको (विपक्ष) दलितों, महिलाओं के कल्याण और सहकार में कोई रुचि नहीं है. इनका नारे लगाना स्वभाविक है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैंने दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के विपक्ष के नेता को लेटर लिखा है कि हम मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं.”
इन सब के बीच बता दें कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हैं और लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी हैं.उन्होंने बोला कि,”मणिपुर पर लंबी चर्चा करने के लिए सरकार को कोई डर नहीं है. जनता आपको देख रही है. चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. संवेदनशील मुद्दे के लिए सदन में उचित माहौल बनाए.”
लेटर में अमित शाह ने लिखी यह बात
अधीर रंजन चौधरी और खरगे को लिखे लेटर में अमित शाह ने लिखा कि मैं आपको मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा के लिए आपके सहयोग मांगने के लिए इसे लिख रहा हूं. उन्होंने बोला कि हमारी संसद भारत के जीवंत लोकतंत्र की आधारशिला है. यह हमारी सामूहिक इच्छा के प्रतीक के रूप में खड़ी है और रचनात्मक बहस, सार्थक चर्चा और जन-समर्थक कानून के लिए प्राथमिक मंच के रूप में कार्यान्वित है.
आगे शाह ने कहा आप ये बात तो जानते हैं कि मणिपुर भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य है. मणिपुर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ना सिर्फ मणिपुर बल्कि पूरे भारत की संस्कृति का गहना है.
मल्लिकार्जुन खरगे के बोल
मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बोला कि संसद में पीएम मोदी को मणिपुर के हाल के बारे में विस्तृत बयान देना चाहिए और देश को विश्वास दिलाना चाहिए. विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों की बैठक के बाद खरगे ने ये भी बोला कि मणिपुर में जो रहा है वह इस सीमावर्ती राज्य के लिए सही नहीं है.
अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि,‘‘मणिपुर में 83 दिनों से जारी हिंसा पर पीएम मोदी को संसद में विस्तृत बयान देने की जरूरत है. बेहद भयावहता की कहानियां अब धीरे-धीरे सामने आ रही हैं.‘इंडिया’ ने मणिपुर हिंसा पर मोदी सरकार से जवाब मांगा.’’
खरगे ने बोला कि,‘‘पूर्वोत्तर में हालात नाजुक हैं और मणिपुर हिंसा का असर दूसरे राज्यों पर भी पड़ता दिख रहा है. यह हमारे संवेदनशील सीमावर्ती राज्यों के लिए अच्छा नहीं है. अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री मोदी अपना अहंकार त्यागें और मणिपुर पर देश को विश्वास में लें.’’ उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को बताना चाहिए कि उनकी सरकार हालात सुधारने के लिए क्या कर रही है और मणिपुर में हालात कब सामान्य होंगे.’’
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