Lok Sabha Election 2024: बिहार के जमुई जिले के किसानों ने बहुत बड़ा फैसला लिया है। जमुई जिले के किसानों ने लोकसभा चुनाव में मतदान न करने का ऐलान किया है। इसके पीछे की वजह चरैया डैम है जो बदहाल अवस्था में पडा हुआ है। यह वही डैम है जिसका निर्माण 1976 ईस्वी में किया गया था। उस वक्त एक दर्जन गांवों के किस के खेतों की प्यास चरैया डैम से बुझाई जाती थी। 1999 से यह डैम पूरी तरह से खराब पड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि 24 वर्ष हो चुके हैं लेकिन अभी तक इस डैम को सही नहीं कराया गया है।
2000 एकड़ से अधिक बंजर पड़ी है जमीन
रविवार की शाम ग्रामीणों ने चरैया डैम के जीर्णोद्धार की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और सांसद विधायक और मंत्री के खिलाफ आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने कहा कि 1999 के बाद से अब तक करीब 24 वर्ष बीत चुके हैं और 24 वर्षों से यह चरैया डैम ध्वस्त पड़ा हुआ है। आवेदन दे देकर सभी ग्रामीण थक हार चुके हैं कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है। इस डैम की वजह से करीब 2000 एकड़ से अधिक जमीन बंजर पड़ी हुई है।यह डैम करीब साढ़े तीन सौ एकड़ जमीन में फैला हुआ है। 24 वर्षों में कई सांसद, कई मंत्री, कई विधायक और कई पदाधिकारी बदल चुके हैं लेकिन यह डैम जैसा का तैसा ही खराब पड़ा हुआ है।
चुनाव में वोट का करेंगे बहिष्कार
काफी दिनों से बदहाल पड़े डैम की वजह से ग्रामीणों ने फैसला लिया है कि इस बार आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे और किसी भी नेता मंत्री को गांव में प्रवेश करने नहीं देंगे। इसको लेकर जिलाधिकारी को भी आवेदन देकर डैम की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। हालांकि ग्रामीणों ने सांसद और मंत्री पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वही इस मामले को लेकर लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता अनीश भारती ने कहा मुझे जिला पदाधिकारी द्वारा बुलाया गया। मुझे इस बात की जानकारी पहले से है कि ग्रामीणों के लिए चरैया डैम कितना महत्वपूर्ण है लेकिन वन विभाग के द्वारा निर्माण कार्य के कुछ हिस्से में उनकी अपनी जमीन बताई जा रही है जिस वजह से कार्य में कठिनाई सामने आ रही है। वही वन विभाग के पदाधिकारी के साथ बैठक कर बातचीत की गई है 20 तारीख के बाद हम जाकर डैम का निरीक्षण करेंगे।
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