एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला भले ही करोड़ों दर्शकों ने देखा हो, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि में उठते सवाल शांत नहीं हो रहे। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ विधायक अबू आसिम आजमी ने इस हाई-वोल्टेज मैच पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि जब 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने निर्दोष लोगों की जान ली, और ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे, तब सरकार का रवैया सख्त होना चाहिए था। लेकिन कुछ ही महीनों बाद उसी देश के खिलाफ क्रिकेट मैच कराया जा रहा है, जिससे सरकार और विज्ञापनदाताओं को मोटा मुनाफ़ा हुआ।
“पैसा कमाना जरूरी या शहीदों के परिवार?” आजमी का सरकार से सीधा सवाल
अबू आजमी ने कहा कि वो सरकार को आधिकारिक रूप से चिट्ठी लिखेंगे और मांग करेंगे कि इस मैच से जो भी कमाई हुई है—चाहे वह टिकट बिक्री से हो, विज्ञापनों से या ब्रॉडकास्टिंग से—वो पूरी की पूरी उन परिवारों को दी जाए जो आतंकवाद के कारण अपने परिजनों को खो चुके हैं। उन्होंने कहा, “अगर सरकार ऐसा करती है, तो शायद कुछ आंसू सूख सकें। वरना ये सिर्फ व्यापार है, संवेदना नहीं।” आजमी ने ओवैसी और सऊदी अरब का उदाहरण देते हुए कहा कि जब दुनिया में कई मुस्लिम देश अपने नागरिकों के हितों के लिए खड़े होते हैं, तो भारत में ऐसा रवैया क्यों नहीं दिखता?
क्रिकेट बनाम करुणा: क्या सरकार संवेदनशीलता दिखाएगी?
अबू आजमी ने सवाल उठाया कि क्या सरकार के लिए मुनाफा ज़्यादा अहम है या देशवासियों की भावनाएं? उन्होंने कहा कि देशभक्ति का असली मतलब है—शहीदों के परिवारों के साथ खड़े होना, न कि दुश्मन देश के साथ मैत्रीपूर्ण खेल कराना। उन्होंने सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि आम जनता को बताया जाए कि मैच से कितना पैसा आया और वह कहां खर्च हुआ। आजमी ने यह भी कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए सरकार जनता की संवेदनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है, जो बेहद निंदनीय है।
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