Thursday, November 20, 2025

BJP सांसद वरुण गांधी ने किसानों के मुद्दे पर दिखाए तेवर, कहा- ‘मेरे पूर्वजों ने मुझे…’

Varun Gandhi News: बीजेपी सांसद वरुण गांधी कल रविवार को पीलीभीत में आयोजित राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में पहुंचे थे। इस दौरान वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी कांड से लेकर दिल्ली में किसान आंदोलन और सेवा में भर्ती जैसे तमाम मुद्दों पर बड़ा बयान दिया है। वरुण गांधी ने कहा कि, मेरे पूर्वजों ने मुझे सिखाया जब पंडित नेहरू पहली बार प्रधानमंत्री बने तो माउलिंकन लोकसभा के अध्यक्ष थे उसे समय शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जी थे।

बीजेपी सांसद ने दिया बड़ा बयान

वरुण गांधी ने आगे बयान देते हुए कहा कि,’सिख सबसे बहादुर काम है जो कट्टर राष्ट्रभक्ति है यह मेरे लिए अभियान की बात है कि मेरी रगों में सिखों का खून है। भाइयों में स्वर्गीय संजय गांधी का बेटा हूं और मैंने अपने पिताजी से सीखा है बातें कम कम ज्यादा अगर मैं केवल यहां आकर मीठी-मीठी बातें बोल और आपको खुश कर दूं और चला जाऊं यह मेरे बस की बात नहीं है। आप लोगों ने मुझे यहां इसलिए बुलाया कि आप लोग मुझे बाहर से भी जानते हो और अंदर से भी जानते हो जब किसान आंदोलन चल रहा था दिल्ली में तो मैं पहले सांसद था जिसने किसान आंदोलन का खुलेआम समर्थन किया मैं राजनीति के परवाह नहीं करता।’

आगे वरुण गांधी ने कहा कि मेरे पूर्वजों ने सिखाया है कि जब पंडित नेहरू पहली बार प्रधानमंत्री बने तो उसे समय शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष हुकुम सिंह जी थे हुकुम सिंह जी ने लोकसभा में पंडित नेहरू को यहां तक कह दिया था कि वो सही आदमी नहीं है। लेकिन नेहरू जी सुनते रहे 6 महीने बाद सरकार हुकुम सिंह को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने कहा कि हम तो नेहरू की तो बुराई करते हैं तो वह हमें कैसे लोकसभा अध्यक्ष बना सकते हैं। जिसका जवाब देते हुए नेहरू ने कहा कि आपके भाषण से मैं सिख और अपने आप को सुधार भी लिया।

मैं हमेशा आपके साथ रहना चाहता हूं

वही वरुण गांधी ने कहा कि, “मैं आपके लिए मेरा ब्लैंक चेक है, चाहे जहां लिख लेना जहां मन करे मुझे इस्तेमाल कर लेना। मुझे जो मन कर बुला लेना जहां मन करे मुझे लड़ा देना आपके अपने हर सम्मान की लड़ाई को हर न्याय की लड़ाई में हर सम्मान की लड़ाई में अपनी काम की रक्षा में अपने वसूलों की रक्षा में आपका साथ चाहता हूं। अगर आप हमारे साथ नहीं चलेंगे तो हम आपके पीछे-पीछे चलेंगे। किसान आंदोलन में 500 लोग शहीद हुए उनके सपने मुझे आते हैं। लखीमपुर खीरी में जो हुआ उसे सहने की क्षमता कम है। अन्य सैनी की क्षमता कम है। मुझे परवाह नहीं की कितने वोट मिले कितने कम हुए मुझे… ये परवाह है कि एक आदमी खड़ा है उसके ऊपर ट्रैक्टर चला दो तो मेरे लिए चुप रहना संभव नहीं।”

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