भारतीय दवा नियामक संस्था, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की ताजा रिपोर्ट ने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। हाल ही में किए गए गुणवत्ता परीक्षणों में देश की विभिन्न कंपनियों द्वारा बनाई जा रही 47 दवाइयों के सैंपल फेल पाए गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन फेल नमूनों में वे दवाइयां शामिल हैं जिनका उपयोग हम और आप रोजाना छोटी-मोटी बीमारियों के लिए करते हैं। इनमें बुखार की आम दवाइयों से लेकर गंभीर बीमारियों जैसे हृदय रोग और डायबिटीज (मधुमेह) की दवाइयां भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर दवाएं तय मानकों पर खरी नहीं उतरती हैं, तो वे बीमारी को ठीक करने के बजाय शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे लिवर और किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती हैं।
इन बीमारियों की दवाइयों पर गिरी गाज: रिपोर्ट का खुलासा
CDSCO की इस जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कई नामी और स्थानीय कंपनियों की दवाइयां मानकों के अनुरूप नहीं थीं। दिल के दौरे (Heart Attack) को रोकने के लिए इस्तेमाल होने वाली दवाएं, शुगर कंट्रोल करने की गोलियां और सामान्य बुखार व शरीर दर्द में काम आने वाली पैरासिटामोल के कुछ बैच भी गुणवत्ता के स्तर पर विफल रहे हैं। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दवाइयों में सक्रिय तत्व (Active Ingredients) की मात्रा बहुत कम थी, जबकि कुछ में हानिकारक अशुद्धियां पाई गईं। यह स्थिति उन मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है जो पूरी तरह से इन दवाइयों के भरोसे अपनी जान बचा रहे हैं। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन विशेष बैच की दवाइयों का सेवन तुरंत बंद कर देना चाहिए।
दवा बाजार में मचा हड़कंप: कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी
रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और औषधि विभाग एक्शन मोड में आ गया है। जिन कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और संबंधित बैच की सभी दवाइयों को बाजार से वापस बुलाने (Recall) के आदेश दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, इन कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने और भारी जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बाजार में नकली और निम्न स्तर की दवाइयों की बढ़ती खेप को देखते हुए अब ड्रग इंस्पेक्टरों को मेडिकल स्टोरों पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि मरीजों तक केवल वही दवाइयां पहुँचें जो पूरी तरह सुरक्षित और असरदार हों, ताकि जनता का भरोसा स्वास्थ्य प्रणाली पर बना रहे।
मरीजों के लिए जरूरी सलाह: दवा खरीदते समय क्या ध्यान रखें?
इस खुलासे के बाद आम नागरिकों के लिए यह बेहद जरूरी हो गया है कि वे दवा खरीदते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें। हमेशा रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदें और पक्का बिल जरूर लें। दवा के पत्तों (Strip) पर लिखे बैच नंबर, मैन्युफैक्चरिंग डेट और एक्सपायरी डेट की जांच अवश्य करें। यदि किसी दवा के असर में कमी महसूस हो या उसे लेने के बाद कोई असामान्य दुष्प्रभाव (Side Effect) दिखे, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि बिना डॉक्टरी पर्चे के (Self-medication) कोई भी दवा न लें। सजगता ही इस संकट से बचने का एकमात्र रास्ता है, क्योंकि आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपकी और आपके परिवार की सेहत पर भारी पड़ सकती है।
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