भारत की महिला क्रिकेट टीम ने आखिरकार वो कर दिखाया, जिसका इंतजार आधी सदी से था। 2025 के वनडे वर्ल्ड कप फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम कर लिया। यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि हर उस लड़की के सपने की जीत है, जिसने बल्ला उठाकर कहा था—”मैं भी खेल सकती हूं।”
फाइनल मुकाबला रोमांच से भरपूर था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए। शेफाली वर्मा ने तूफानी 87 रन जड़े, जबकि दीप्ति शर्मा ने 58 रनों की सधी हुई पारी खेली। जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 246 रनों पर सिमट गई।
शेफाली वर्मा का कहर, बॉलर्स का जलवा
इस ऐतिहासिक जीत की नींव भारतीय ओपनर शेफाली वर्मा ने रखी। उनकी 87 रनों की आतिशी पारी ने टीम को मजबूत शुरुआत दी। इसके बाद हरमनप्रीत कौर ने कप्तानी की जिम्मेदारी शानदार तरीके से निभाई।
गेंदबाजों में रेणुका ठाकुर और पूनम यादव ने दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। रेणुका ने 3 विकेट झटके जबकि पूनम ने अपने स्पिन जाल में 2 अहम बल्लेबाजों को फंसाया।
25 साल बाद नया चैंपियन, देश में जश्न का माहौल
2000 के बाद पहली बार किसी नए देश ने महिला वर्ल्ड कप जीता है। इस ऐतिहासिक पल ने देशभर में उत्सव का माहौल बना दिया। दिल्ली से लेकर चेन्नई तक सड़कों पर तिरंगा लहराया गया, लोगों ने ढोल नगाड़े बजाकर टीम इंडिया की बेटियों का स्वागत किया।
𝙐𝙣𝙛𝙤𝙧𝙜𝙚𝙩𝙩𝙖𝙗𝙡𝙚 𝙎𝙘𝙚𝙣𝙚𝙨 😍
A victory lap full of joy and emotions by #TeamIndia at the DY Patil Stadium 🥳💙#WomenInBlue | #CWC25 | #INDvSA | #Champions pic.twitter.com/vO6nWIUGZh
— BCCI Women (@BCCIWomen) November 2, 2025
प्रधानमंत्री से लेकर बॉलीवुड सितारों तक, सभी ने इस जीत को “भारत की नारी शक्ति” का प्रतीक बताया। सोशल मीडिया पर #BharatKiBetiya ट्रेंड करने लगा।
हरमनप्रीत बोलीं – “अब कोई हमें कमज़ोर टीम नहीं कहेगा”
फाइनल जीत के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा, “यह सिर्फ हमारी नहीं, पूरे देश की जीत है। हमने साबित कर दिया कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम अब किसी से कम नहीं।”
टीम की युवा खिलाड़ी रिचा घोष और जेमिमा रॉड्रिग्स ने भी जीत में अहम भूमिका निभाई। कोच नोएल डेविड ने कहा कि ये जीत वर्षों की मेहनत और आत्मविश्वास का नतीजा है।
🇮🇳 अब इतिहास के पन्नों में सुनहरी इबारत
52 साल के इंतजार के बाद यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के लिए नए युग की शुरुआत है। यह सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। अब हर मैदान पर गूंजेगा—“भारत की बेटियां अब दुनिया की चैंपियन हैं!”
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