Wednesday, November 12, 2025

अगरबत्ती जलाना शुभ या अशुभ? जानिए वो रहस्य जो हर रोज़ की पूजा में आप अनजाने में कर रहे हैं गलत!

भारतीय संस्कृति में अगरबत्ती (Incense Stick) का प्रयोग पूजा-पाठ, ध्यान और आराधना में सदियों से होता आया है। कहा जाता है कि इससे वातावरण पवित्र होता है और मन शांत रहता है। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि शास्त्रों में अगरबत्ती के उपयोग को लेकर अलग-अलग मत हैं।

कुछ ग्रंथों में इसे शुभ बताया गया है, तो कुछ जगह चेतावनी दी गई है कि अगरबत्ती का गलत समय या गलत स्थान पर उपयोग अशुभ परिणाम दे सकता है। यही कारण है कि आज भी विद्वान इस विषय पर अलग-अलग विचार रखते हैं।

शास्त्रों का मत: धूप और अगरबत्ती में अंतर

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूजा में धूप और अगरबत्ती दोनों का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इनके प्रयोग के नियम अलग हैं। धूप को “देवताओं के लिए अर्पित सुगंध” माना गया है, जबकि अगरबत्ती को “मानसिक शांति और वातावरण शुद्धि” के लिए उपयोगी बताया गया है।

हालांकि कई शास्त्रकारों का कहना है कि अगरबत्ती में लकड़ी और रासायनिक सुगंध के मिश्रण के कारण यह शुद्ध अग्नि तत्व से नहीं जलती, जिससे यह तामसिक प्रभाव उत्पन्न करती है। यही वजह है कि कई परंपराओं में अगरबत्ती की बजाय गुग्गुल, लोबान या कपूर की धूप जलाने की सलाह दी गई है।

वैज्ञानिक दृष्टि से अगरबत्ती का प्रभाव

धार्मिक ही नहीं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अगरबत्ती के प्रभाव पर कई शोध हुए हैं। अध्ययनों के अनुसार, कुछ सस्ती अगरबत्तियों में रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो लंबे समय तक इनहेलेशन से स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकते हैं।
हालांकि, प्राकृतिक जड़ी-बूटियों, चंदन, केसर, या गंधरस से बनी ऑर्गेनिक अगरबत्तियां वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं और मानसिक तनाव को कम करती हैं। इसीलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली अगरबत्ती प्राकृतिक और शुद्ध होनी चाहिए।

ज्योतिषीय मान्यता: कब और कैसे करें प्रयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगरबत्ती का प्रयोग सूर्यास्त के बाद नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह समय देवताओं के विश्राम और नकारात्मक शक्तियों के सक्रिय होने का होता है।

सुबह सूर्य उदय के समय या पूजा के आरंभ में अगरबत्ती जलाना शुभ माना गया है। साथ ही अगरबत्ती जलाते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके जलाना सबसे उत्तम बताया गया है।

अगर आप किसी देवी-देवता की पूजा कर रहे हैं, तो उनके स्वभाव के अनुसार खुशबू चुनना भी महत्वपूर्ण है — जैसे कि मां लक्ष्मी के लिए गुलाब या केसर की सुगंध, भगवान शिव के लिए चंदन या भस्म की महक।

शुभता भावना में है, वस्तु में नहीं

शास्त्र कहते हैं कि पूजा में सबसे महत्वपूर्ण है भावना और शुद्धता, न कि केवल वस्तु का प्रयोग। अगर आप श्रद्धा से अगरबत्ती जलाते हैं और इसका उपयोग वातावरण को शुद्ध करने के लिए करते हैं, तो यह शुभ ही माना जाएगा। परंतु ध्यान रहे — रासायनिक या धुएं वाली अगरबत्तियां न जलाएं, क्योंकि वे न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं, बल्कि पूजा स्थल की ऊर्जा को भी प्रभावित करती हैं।

Read more-नवंबर में नहीं चलेगी ये ट्रेनें! अचानक कैंसिलेशन से यात्रियों में हड़कंप, जानिए कौन-कौन से रूट हुए प्रभावित

Hot this week

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img