कुंडली में ग्रहों की इन स्थितियों के निर्माण से लगता है पितृ दोष, तुरंत कर लें पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

ग्रहों की कुछ स्थितियों पितृ दोष बना देती हैं। सूर्य को इस सौरमंडल का राजा माना जाता है। सूर्य से पिता की स्थिति का अवलोकन किया जाता है शनि सूर्य का पुत्र और सूर्य का सैद्धांतिक विरोध भी है।

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Pitra Dosh

Pitru paksh 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितृ दोष बहुत ही बुरा माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष लगा होता है उन्हें बुरे दिनों को भी देखना पड़ता है उनके सभी बने हुए काम बिगड़ने लगते हैं। 29 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू हो रहे हैं। बताया जाता है कि ग्रहों की कुछ स्थितियों पितृ दोष बना देती हैं। सूर्य को इस सौरमंडल का राजा माना जाता है। सूर्य से पिता की स्थिति का अवलोकन किया जाता है शनि सूर्य का पुत्र और सूर्य का सैद्धांतिक विरोध भी है।

सूर्य और राहु का संबंध

जिनकी कुंडली में राहु और सूर्य साथ में है उनको बिना देर किए पितृ दोष का उपाय करना चाहिए। सूर्य और शनि की युति दूसरे भाव में होने पर भी पितृदोष बनता है। दूसरे भाव में सूर्य और राहु की युति गंभीर दोष बनाती है। यदि तीनों ग्रहों की युति है तो समझना चाहिए कि यह पीढ़ी दर पीढ़ी से चला आ रहा पितृ दोष है। इसलिए आपको पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए उपाय ढूंढने चाहिए।

सूर्य और शनि का संबंध

जिन जातक की कुंडली में सूर्य के साथ शनि नौवें भाव में होते हैं तो पितृ दोष उत्पन्न हो जाता है। कुंडली में जब सूर्य का संबंध शनि व राहु से हो जाए और इसके साथ ही कुंडली के नौवें भाव का भी संबंध हो जाए तो पितृ दोष लगता है। सूर्य और शनि का संबंध यह बताता है कि यह पितृदोष हाल की ही पीढ़ियों का है। इसीलिए आप पितरों का श्राद्ध करें। गाय और कौवे को रोटी खिलानी चाहिए।

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