पेट्रोल पंप पर जब भी लोग गाड़ी में फ्यूल भरवाते हैं, तो अक्सर 110, 210 या 310 रुपये का पेट्रोल मंगाने की आदत होती है। लोगों का मानना है कि ऐसे अजीबो-गरीब नंबरों पर पेट्रोल भरवाने से धोखाधड़ी नहीं होती और पंप कर्मचारी ट्रिक नहीं चला पाते। लेकिन क्या यह सच है? हाल ही में इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो ने इस भ्रम को तोड़ दिया है।
वीडियो में खुद एक पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बताया कि ऐसे अंकों पर पेट्रोल भरवाने से किसी तरह का फायदा नहीं होता। बल्कि, जो लोग 110 या 210 का फ्यूल भरवाते हैं, वे अक्सर असली गलती कर बैठते हैं क्योंकि ध्यान नंबर पर रहता है, न कि पंप की मशीन या प्रक्रिया पर। यही वह जगह है जहां ग्राहक को सबसे ज्यादा नुकसान होता है।
पेट्रोल पंप कर्मचारी ने बताया, ऐसे पहचानें असली और नकली फ्यूल भरना
इस वायरल वीडियो में कर्मचारी ने बताया कि तेल सही तरीके से भरा गया है या नहीं, इसकी पहचान के दो सबसे आसान तरीके हैं। पहला तरीका — “मीटर रिसेट चेक”।
पेट्रोल भरवाने से पहले हमेशा पंप का मीटर देख लें कि वह ‘0.00’ पर है या नहीं। अगर मीटर पहले से किसी नंबर पर दिख रहा है, तो तुरंत रुक जाएं और पंप अटेंडेंट से कहें कि पहले मीटर को जीरो करें।
दूसरा तरीका — “नो-डिस्ट्रैक्शन रूल”। जब पंप अटेंडेंट पेट्रोल भरना शुरू करे, तब किसी भी सवाल या बातचीत में न उलझें। अक्सर कर्मचारी ध्यान भटकाने के लिए पूछते हैं—“कार्ड देंगे या कैश?”, “रसीद चाहिए?” आदि। इस दौरान मशीन से फ्यूल का फ्लो कुछ सेकंड के लिए रोक या चालू किया जा सकता है। यही वह समय होता है जब सबसे ज्यादा गड़बड़ी होती है।
छोटे अमाउंट में पेट्रोल भरवाना क्यों होता है नुकसानदायक
हर बार बहुत कम अमाउंट (जैसे 100 या 200 रुपये) का पेट्रोल भरवाने से आपको सटीक मात्रा नहीं मिल पाती। पंप की मशीनें माइक्रोलीटर लेवल पर मापती हैं, और छोटी मात्रा में अक्सर यह माप थोड़ी ऊपर-नीचे हो सकती है। यही कारण है कि बार-बार छोटे-छोटे अमाउंट में फ्यूल भरवाने से लंबे समय में नुकसान बढ़ जाता है।
कर्मचारी का कहना है कि अगर संभव हो तो कम से कम 500 रुपये या उससे अधिक का फ्यूल एक बार में भरवाएं। इससे मशीन की माप ज्यादा सटीक होती है और धोखाधड़ी की संभावना बेहद कम रहती है। इसके अलावा, टैंक फुल करवाने के बाद हमेशा रसीद जरूर लें, जिससे भविष्य में शिकायत करने का आधार बन सके।
ये 2 बातें हमेशा याद रखें, तो नहीं होगा कभी नुकसान
वीडियो के अंत में पेट्रोल पंप कर्मचारी ने दो बातें साफ कही
पहली, तेल भरवाने से पहले हमेशा मीटर को जीरो पर देखना न भूलें।
दूसरी, फ्यूल भरवाते वक्त मोबाइल पर या बातचीत में ध्यान न लगाएं।
इन दो बातों का ध्यान रखेंगे, तो धोखाधड़ी की कोई संभावना नहीं रहती। साथ ही, हमेशा भरोसेमंद और ब्रांडेड पेट्रोल पंप पर ही फ्यूल भरवाएं। रात या ऑफ-पीक समय में पेट्रोल भरवाना भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि उस समय लाइनें छोटी होती हैं और कर्मचारी पर काम का दबाव कम होता है। तकनीक भले बढ़ गई हो, लेकिन सावधानी आज भी सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। इसलिए अगली बार जब आप गाड़ी में तेल भरवाने जाएं, तो 110 या 210 का जादू भूल जाएं — बस ये दो नियम याद रखें और निश्चिंत होकर ड्राइव करें।
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