छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम को ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने सैकड़ों यात्रियों की धड़कनें थाम दीं। शाम करीब चार बजे के आसपास कटनी-बिलासपुर रेलखंड पर अचानक जोरदार धमाके जैसी आवाज गूंजी — यह आवाज किसी बम की नहीं बल्कि दो ट्रेनों की थी जो आमने-सामने टकरा चुकी थीं। कोरबा पैसेंजर ट्रेन और एक खड़ी मालगाड़ी के बीच हुई इस सीधी भिड़ंत ने रेलवे ट्रैक को मलबे के ढेर में बदल दिया। टक्कर इतनी भयानक थी कि पैसेंजर ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतरकर एक-दूसरे पर चढ़ गए और मालगाड़ी के वैगन हवा में झूलते नजर आए। आसपास के लोग जब घटनास्थल की ओर भागे तो वहां सन्नाटा और अफरातफरी का भयावह मिश्रण देखने को मिला — टूटी खिड़कियाँ, बिखरा सामान और घायल यात्री मदद के लिए पुकारते नजर आए।
राहत और बचाव की जंग – सायरनों के बीच जिंदगी की तलाश
हादसे की खबर मिलते ही रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हो गए। रेस्क्यू टीम, आरपीएफ जवान और स्थानीय पुलिस कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गए। बचाव कार्य के लिए भारी उपकरण बुलाए गए ताकि मलबे में फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। अंधेरा बढ़ता जा रहा था और उसी के साथ सायरनों की आवाज़ें हादसे की गंभीरता बयां कर रही थीं। हर तरफ मोबाइल की रोशनी और आपातकालीन लाइटों में बचावकर्मी नजर आ रहे थे जो किसी तरह घायल यात्रियों को बाहर निकालने में जुटे थे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार अब तक दो लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है, हालांकि राहतकर्मी हर डिब्बे की तलाशी ले रहे हैं ताकि किसी फंसे व्यक्ति को अनदेखा न किया जाए।
स्थानीय लोगों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए — कोई घायल यात्रियों को पानी पिला रहा था तो कोई एंबुलेंस तक स्ट्रेचर खींचने में सहयोग दे रहा था। जिला प्रशासन ने आसपास के अस्पतालों में इमरजेंसी वार्ड तैयार रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। रेलवे ने वैकल्पिक ट्रैक से ट्रेनों को डायवर्ट करने की योजना बनाई है ताकि अन्य यात्रियों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
जांच और सवाल – गलती किसकी थी?
अब सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि आखिर यह हादसा हुआ कैसे? शुरुआती जांच में सामने आया है कि कोरबा पैसेंजर ट्रेन गलत सिग्नल पर आगे बढ़ी और लाल खदान स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से जा टकराई। ओवरहेड तार और सिग्नलिंग सिस्टम भी इस टक्कर में क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे इस पूरे सेक्शन पर रेल यातायात ठप हो गया है। तकनीकी विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंच चुकी है जो सिग्नलिंग फॉल्ट, मानव त्रुटि या तकनीकी गड़बड़ी — इन सभी संभावनाओं की जांच कर रही है।
रेलवे ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और दावा किया है कि दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हादसे के बाद यात्रियों में डर का माहौल है और कई ने रेलवे सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। वहीं प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द ट्रैक बहाल किया जाए ताकि परिचालन सामान्य हो सके।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी का बयान
लाल खदान इलाके के एक निवासी रामलाल साहू ने बताया — “हम घर के बाहर बैठे थे तभी जोरदार धमाके की आवाज आई, लगा जैसे धरती हिल गई हो। जब पहुंचे तो पूरा कोच एक-दूसरे के ऊपर चढ़ा हुआ था। कई लोग चिल्ला रहे थे। पुलिस और एंबुलेंस आई तो थोड़ी राहत मिली।”
घटनास्थल की स्थिति अब
रात तक राहत और बचाव कार्य जारी था। रेलवे ट्रैक के दोनों ओर सैकड़ों लोग और मीडिया के कैमरे मौजूद थे। प्रशासन ने घटनास्थल के चारों ओर घेरा बना दिया है ताकि किसी प्रकार की बाधा न हो। तकनीकी दल ट्रैक की मरम्मत और सिग्नल बहाली पर लगातार काम कर रहा है।
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