Gomed Gemstone: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु को छाया ग्रह माना जाता है। जिस जातक को राहु दोष लगता है उसका जीना मुश्किल हो जाता है। राहु के अशुभ प्रभाव जीवन भर कष्ट देते हैं। राहु की महादशा 18 वर्षों तक चलती है इस दौरान जातक को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है हालांकि जब राहु की स्थिति मजबूत होती है तो जीवन भर पैसों में खेलते हैं। ज्योतिष शास्त्र में राहु को मजबूत करने के लिए एक रत्न बताया गया है। जिसको धारण करने से अनेक प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
राहु दोष को दूर करने के लिए धारण करें ये रत्न
राहु दोष दूर करने के लिए गोमेद रत्न धारण करें। इस रत्न को धारण करने से कुंडली में अशुभ स्थान पर बैठे राहु का प्रकोप धीरे-धीरे शांत होने लगता है। यह रन हल्का भूरा या लाल रंग का होता है। यह रत्न मानसिक शांति के लिए भी सहायक होता है। यह रत्न वृषभ, मिथुन ,तुला, मकर या कुंभ राशि वालों को ही धारण करना चाहिए। इन राशि के जातकों के गोमेद रत्न धारण करने से राहु के अशुभ प्रभाव से छुटकारा मिलता है।
रत्न धारण करने के नियम
ज्योतिष शास्त्र में गोमेद धारण करने के नियम भी बताए गए हैं। राहु का रत्न गोमेद कम से कम 6 रत्ती का होना चाहिए। इसको धारण करने के लिए सबसे शुभ दिन शनिवार माना जाता है। शनिवार को चांदी या अष्टधातु में सूर्यास्त के बाद पहनना चाहिए। ध्यान रहे गोमेद को हमेशा माध्यम यानी बीच वाली अंगुली में पहनना चाहिए। इस रत्न को धारण करने से पहले राहु के मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News India इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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