Wednesday, December 3, 2025

व्हाइट हाउस के पास नेशनल गार्ड जवानों पर फायरिंग: ट्रंप ने कहा ‘ये आतंकी हमला…’

अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डी. सी. में बुधवार दोपहर, जब लोग White House के पास सामान्य दौर से गुजर रहे थे, दो West Virginia National Guard जवानों को गोली मार दी गई। यह हमला व्हाइट हाउस से महज कुछ ही दूरी पर हुआ — जिससे पूरे शहर में दहशत फैल गई। गोलीबारी इतनी अचानक और निर्दयी थी कि आसपास खड़े लोग डर के मारे भाग खड़े हुए। पुलिस और सुरक्षा बलों ने तुरंत क्षेत्र को सील कर लिया।

घायल जवानों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना देश की राजधानी में, उस जगह के पास घटी जहाँ अमेरिका का सबसे संवेदनशील सुरक्षा तंत्र मौजूद है — इस वजह से इसे साधारण घटनाक्रम नहीं बल्कि सुरक्षा व्यवस्था में भारी चूक माना जा रहा है।

ट्रंप का सख्त रुख, ‘यह आतंकवादी हमला है’

हमले के तुरंत बाद, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक वीडियो संबोधन जारी कर इसे “पूरे राष्ट्र के विरुद्ध अपराध” और “मानवता के खिलाफ जघन्य कृत्य” करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ कुछ Individuals के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे अमेरिका और उसकी सुरक्षा व्यवस्था पर हमला है।

उनका यह भी कहना था कि इस हमले से साबित हो गया है कि देश की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी कमियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, जो व्यक्ति ऐसा हमला कर सकता है, वह सिर्फ एक अपराधी नहीं — आतंकवादी है, और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

हमलावर कौन और कैसे अमेरिका में आया था?

जाँच में सामने आया है कि गोलीबारी करने वाला संदिग्ध 29 वर्षीय Rahmanullah Lakanwal नामक अफगानी शरणार्थी है। ट्रंप प्रशासन समेत गृह सुरक्षा विभाग का कहना है कि वह 2021 में, अफगानिस्तान से अमेरिका आया था — उस वक्त सरकार ने कई अफगान नागरिकों को “एयरलिफ्ट” कर वतन में दाखिल किया था।

हमले की वजह और मकसद अभी स्पष्ट नहीं है। जाँच एजेंसियाँ इसे “टारगेटेड अटैक” बता रही हैं, यानी कि यह कोई हादसा या झुंड हिंसा नहीं बल्कि पूर्व निर्धारित हमला लग रहा है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया है और कई सवाल इस बात को लेकर उठे हैं कि क्या उसकी शरणार्थी प्रक्रिया के दौरान ठीक से पृष्ठभूमि जांच की गई थी।

देश में सुरक्षा, प्रवास और राजनीति — सब पर असर

इस घटना के बाद अमेरिका में सुरक्षा व्यवस्था और इमिग्रेशन नीतियों पर बहस तेज हो गई है। ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि 2021 में अफगानिस्तान से लाए गए लोगों — जिनमें यह संदिग्ध शामिल था — फिर से पूरी समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने मांग की है कि उन सभी की जांच दोबारा हो, ताकि भविष्य में ऐसी “घातक चीज़ें” न हों।

साथ ही, राजधानी वॉशिंगटन डी. सी. में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अतिरिक्त जवान तैनात किए जा रहे हैं, ताकि ऐसा हमला दोबारा न हो। लेकिन इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि शहर के बीचों-बीच फायरिंग का मतलब सिर्फ अपराध नहीं — यह राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के लिए बड़ा संकेत है। अमेरिकी समाज, प्रवास नीति, रक्षा व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा — हर मोर्चे पर अब नया अध्याय खुलने वाला है।

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