UP News: चिरगांव थाना क्षेत्र के पट्टी कुमर्रा गांव में रहने वाले 65 वर्षीय बुजुर्ग सीताराम अहिरवार का जीवन किसी रहस्य से कम नहीं है। अब तक उन्हें कुल 13 बार ज़हरीले सांपों ने काटा है, और हैरानी की बात ये है कि हर बार वह मौत के मुंह से सही-सलामत बाहर आ जाते हैं। गांव वाले इसे चमत्कार मानते हैं तो कुछ लोग मानते हैं कि ये उनके शरीर की अंदरूनी प्रतिरोधक क्षमता का कमाल है।
1986 से शुरू हुआ यह रहस्यमयी सिलसिला
सीताराम बताते हैं कि पहली बार उन्हें 1986 में सांप ने काटा था, जब वह खेतों में काम कर रहे थे। तब से लगभग हर तीसरे साल उन्हें किसी न किसी सांप ने डंसा है — कभी खेत में, कभी घर के बाहर, तो कभी रास्ते में। लेकिन हर बार इलाज के बाद वे फिर से स्वस्थ हो जाते हैं। कुछ बार तो उन्होंने घरेलू इलाज से ही राहत पाई, जिससे गांव में लोग उन्हें ‘सांपों का विजेता’ कहने लगे हैं।
वैज्ञानिकों की दिलचस्पी: क्या है सीताराम के शरीर में खास?
वहीं दूसरी ओर, इस रहस्य पर वैज्ञानिक और डॉक्टर भी ध्यान देने लगे हैं। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि यह किसी दुर्लभ आनुवंशिक प्रतिरोध क्षमता का मामला हो सकता है, जिसे गंभीरता से अध्ययन करने की जरूरत है। गांव में सीताराम के नाम पर कई कहानियां गढ़ी जा रही हैं, जिनमें से कुछ तो यह तक कहती हैं कि सांप खुद उनसे डरते हैं! पर असलियत जो भी हो, सीताराम का जीवन आज भी गांव वालों के लिए आश्चर्य और प्रेरणा का विषय बना हुआ है।
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