उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आया यह मामला साइबर ठगी के बदलते और खतरनाक तरीकों की बानगी है। श्रावस्ती जिले के रहने वाले प्रमोद कुमार के मोबाइल पर अचानक एक कॉल आई, जिसमें सामने वाले ने खुद को “कानपुर का डीसीपी क्राइम” बताया। कॉलर ने सख्त लहजे में कहा कि प्रमोद के मोबाइल डेटा की जांच की गई है और उसमें अश्लील व आपत्तिजनक वीडियो देखने की पुष्टि हुई है। इतना ही नहीं, कॉलर ने यह भी दावा किया कि इस मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है और पुलिस की टीम गिरफ्तारी के लिए उसके घर रवाना हो चुकी है। अचानक आई इस धमकी भरी कॉल से प्रमोद घबरा गया और उसे लगा कि उसकी इज्जत और आजादी दोनों खतरे में हैं।
गिरफ्तारी और बदनामी का डर दिखाकर मांगे पैसे
कॉलर ने बातचीत के दौरान प्रमोद को लगातार मानसिक दबाव में रखा। उसने कहा कि अगर गिरफ्तारी और बदनामी से बचना है तो तुरंत पैसे ट्रांसफर करने होंगे। घबराए प्रमोद ने माफी मांगते हुए अपनी बात रखी, जिस पर ठगों ने “मामला मैनेज” करने के नाम पर 50 हजार रुपये की मांग कर दी। प्रमोद ने रकम ज्यादा होने की बात कही तो ठगों ने जितने पैसे हों, उतने ही भेजने को कहा। डर और शर्म के कारण प्रमोद ने बिना किसी से सलाह लिए यूपीआई के जरिए 46 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। कॉल खत्म होते ही उसे थोड़ी राहत तो मिली, लेकिन मन में बेचैनी बनी रही कि कहीं सच में पुलिस उसके दरवाजे पर न आ जाए।
जानकार की सलाह से टूटा भ्रम, पहुंचा पुलिस के पास
कुछ समय बाद प्रमोद ने यह पूरी घटना अपने एक परिचित को बताई। परिचित ने तुरंत समझाया कि यह पुलिस की कॉल नहीं बल्कि साइबर ठगी का मामला है। इसके बाद प्रमोद को एहसास हुआ कि वह डर और बदनामी के नाम पर ठगा जा चुका है। बिना देर किए वह कानपुर साइबर क्राइम थाने पहुंचा और पूरी घटना की लिखित शिकायत दी। 17 दिसंबर को पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। शुरुआती जांच में ही साफ हो गया कि यह कोई एकल घटना नहीं बल्कि एक संगठित गिरोह की साजिश है, जो पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को डराता और उनसे पैसे वसूलता था।
कानपुर देहात से पकड़ा गया गिरोह
साइबर क्राइम टीम की गहन जांच में सामने आया कि आरोपी कानपुर देहात के जंगलों और खेतों में बैठकर लोगों को कॉल करते थे ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस न हो सके। कॉल करने वालों की भाषा और लहजे में कानपुरिया अंदाज था, जिससे पुलिस को अहम सुराग मिला। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गजनेर क्षेत्र के मन्नहापुर निवासी दो सगे भाई सुरेश और दिनेश, दुर्गापुरवा-नारायणपुर निवासी पंकज सिंह और बर्रा-2 इलाके के अमन विश्वकर्मा व विनय सोनकर को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि यह गिरोह अब तक कम से कम सात लोगों को इसी तरह ठग चुका था। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। यह मामला लोगों के लिए चेतावनी है कि पुलिस या किसी अधिकारी के नाम पर आने वाली डराने वाली कॉल से सतर्क रहें और तुरंत साइबर पुलिस से संपर्क करें।
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