Barabanki News: गांव के मजदूरों के पलायन को रोकने के उद्देश्य से सरकार की चलाई गई मनरेगा योजना भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ रही हैं। भ्रष्टाचारियों ने मनरेगा योजना पर पलीता लगा दिया और सरकार के अरमानों पर पानी फेर दिया है। देश की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट मनरेगा पूरी तरीके से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। ऐसा ही एक मामला बाराबंकी जिले के निंदुरा के ग्राम पंचायत खांडसरा से सामने आया है। जहां पर जिम्मेदार अधिकारियों के नाक के नीचे ही भ्रष्टाचार हो रहा है और उन्हें भनक तक नहीं लगी।
अधिकारियों के नाक के नीचे हो रहा भ्रष्टाचार
मनरेगा योजना का मकसद था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को रोजगार मिल सके इसके लिए बाहर प्रदेशों में न जाना पड़े। मगर मनरेगा के जिम्मेदारों ने इस योजना में भ्रष्टाचार की मिलावट कर दी है। जांच के दौरान पता चला कि निंदुरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खांडसरा में मनरेगा कार्य चल रहा है लेकिन जब इसकी हकीकत पता चली तो सुनने वालों के होश उड़ गए हैं। जहां पर मनरेगा कार्य चल रहा था वहां पहुंचने पर सारी हकीकत सामने आ गई। मौके पर मात्र 7 मजदूरी ही काम कर रहे थे हाजिरी 40 मजदूरों की लगी थी।
जिम्मेदारों की मिली भगत से हो रही लूट
जब इस बारे में ग्राम प्रधान से पूछा गया तो उन्होंने कहा, बस सात- आठव ही मजदूर मिले हैं काम की वजह से मजदूर की मारामारी पर ब्लॉक के अधिकारियों की मिली भगत से मास्टर रोल पर 40 मजदूरों की हाजिरी दिखाकर एमबी जारी कर पैसे का बंदर बांट कर लिया जाता है। वही जब इस मामले पर खंड विकास अधिकारी निंदूरा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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