Wednesday, December 31, 2025

कंटीले तार और झटका मशीन छोड़िए! खेत की मेड़ पर यह पौधा लगाते ही भागेंगे आवारा पशु, जानें कैसे

देश के कई राज्यों में किसान आजकल आवारा पशुओं की समस्या से बुरी तरह जूझ रहे हैं। खासकर गेहूं की फसल के समय यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि गेहूं की कोमल फसल पशुओं को बेहद आकर्षित करती है। फसल को बचाने के लिए किसान अक्सर झटका मशीन, कंटीले तार या रातभर खेत की रखवाली जैसे उपाय अपनाते हैं। लेकिन ये सभी तरीके या तो बहुत महंगे हैं या फिर जान का खतरा पैदा करते हैं। कई बार झटका मशीन से इंसान और पशु दोनों को नुकसान हो जाता है, वहीं कंटीले तार लगाने में भी भारी खर्च आता है। ऐसे में छोटे और मध्यम किसान लगातार किसी सस्ते, सुरक्षित और टिकाऊ समाधान की तलाश में रहते हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि प्रकृति आधारित उपाय न सिर्फ सुरक्षित होते हैं, बल्कि लंबे समय तक फायदा भी देते हैं। इसी कड़ी में अब गेहूं की फसल की सुरक्षा के लिए एक ऐसा आसान तरीका सामने आया है, जो किसानों की लागत भी घटाता है और फसल को भी सुरक्षित रखता है।

हरा धनिया बनेगा गेहूं की ढाल

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं के खेत के चारों ओर मेड़ पर हरा धनिया बोना आवारा पशुओं से बचाव का एक बेहद कारगर तरीका है। हरा धनिया अत्यधिक सुगंधित होता है और इसकी तेज खुशबू पशुओं को पसंद नहीं आती। यही कारण है कि गाय, सांड, नीलगाय और अन्य आवारा पशु ऐसे खेतों के पास भी नहीं फटकते जहां धनिया की हरियाली लगी हो। जब गेहूं के चारों ओर हरे धनिये की एक प्राकृतिक बाड़ बन जाती है, तो यह फसल के लिए सुरक्षा चक्र का काम करती है। खास बात यह है कि यह उपाय पूरी तरह प्राकृतिक है, इसमें किसी भी तरह का करंट, तार या रसायन इस्तेमाल नहीं होता। इससे न तो किसानों की जान को खतरा रहता है और न ही पशुओं को कोई नुकसान पहुंचता है। यही वजह है कि अब कई इलाकों में किसान इस देसी तकनीक को अपनाने लगे हैं और इसके अच्छे नतीजे भी सामने आ रहे हैं।

कब और कैसे करें धनिया की बुवाई

अगर किसान अभी गेहूं की बुवाई कर रहे हैं, तो यही सबसे सही समय है धनिया लगाने का। गेहूं के खेत की मेड़ के किनारे-किनारे हरे धनिया के बीज हल्के हाथ से बिखेर दें। ज्यादा गहराई में बोने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि धनिया का बीज कम मिट्टी में भी आसानी से जम जाता है। वहीं अगर किसी किसान ने गेहूं की बुवाई पहले ही कर ली है और धनिया नहीं बो पाया है, तो चिंता की बात नहीं है। पहली सिंचाई के समय भी धनिया की बुवाई की जा सकती है। सिंचाई करते समय खेत के चारों ओर मेड़ पर बीज बिखेर देने से नमी मिल जाती है और धनिया जल्दी उग आता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि धनिया की बढ़वार तेज होती है और कुछ ही हफ्तों में इसकी खुशबू चारों ओर फैलने लगती है, जिससे पशु खेत से दूरी बना लेते हैं। इस तरह बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के गेहूं की फसल को मजबूत सुरक्षा मिल जाती है।

फसल सुरक्षा के साथ अतिरिक्त कमाई का मौका

हरा धनिया सिर्फ गेहूं की रखवाली ही नहीं करता, बल्कि किसानों के लिए अतिरिक्त आमदनी का जरिया भी बन सकता है। जब धनिया तैयार हो जाता है, तो किसान इसे स्थानीय बाजार, मंडी या सीधे ग्राहकों को बेच सकते हैं। सर्दियों के मौसम में हरे धनिये की मांग काफी ज्यादा रहती है, जिससे अच्छे दाम मिलने की संभावना होती है। यानी एक तरफ किसान की गेहूं की फसल सुरक्षित रहती है और दूसरी तरफ धनिया बेचकर जेब में अतिरिक्त पैसे आते हैं। यही वजह है कि कृषि जानकार इस उपाय को “दोहरा फायदा” मानते हैं। कम लागत, बिना जोखिम और प्राकृतिक तरीके से फसल की सुरक्षा आज के समय में किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। बदलते हालात में जब आवारा पशुओं की समस्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में गेहूं की मेड़ पर हरा धनिया लगाना किसानों के लिए एक समझदारी भरा और टिकाऊ समाधान साबित हो सकता है।

Read More-इस्लाम में ब्याज हराम है… तो पाकिस्तान में लोन कैसे चलता है? बिना इंटरेस्ट बैंकिंग की पूरी सच्चाई जानकर चौंक जाएंगे

Hot this week

दिल्ली-नैनीताल हाईवे पर बोलेरो पर पलटा ट्रक, चालक की कुचलकर मौत

रामपुर जिले के थाना गंज क्षेत्र में रविवार शाम...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img