आज की भाग दौड़ भरी जिन्दगी में अधिकतर लोग बाहर के खाने पर डिपेंड रहते हैं। बाहर का खाना खाने लगे तो यह हमारी सेहत के लिए काफी नुकसान दायक सिद्ध होता है। बाहर के खाने को स्वादिष्ट बनाने के के लिए उसमें केमिकल मिलाया जाता है, जो हमारे शरीर के किडनी और लिवर को डैमेज कर देता है, इसलिए हमें समय रहते हेल्दी लाइफ स्टाइल फालो करनी चाहिये। साथ ही इन केमिकल्स से हमें अपना बचाव करना चाहिए। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको कुछ ऐसी जानकारी देंगे जिनका कम से कम इस्तेमाल करके नुकसान दायक केमिकल से बचा जा सकता है।
- नॉन आर्गेनिक फ़ूड ऐसे केमिकल्स की मदद से तैयार किया जाता है, जो हमारे शरीर और लीवर के लिए हानिकारिक होता है,लेकिन अनजाने में हम इन्हें खरीद कर खा लेते हैं, जिनका आगे चल कर सीधा असर हमारे लीवर और किडनी पर पड़ता है और यह धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं।
- पैकेट बंद खाने की लगभग सभी चीजों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए काफी ज्यादा मात्रा में केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है,जैसे कि स्नैक्स,जूस ,कैन सूप या फिर अन्य कोई चीज जो पैकेट में बंद हो में केमिकल होना लाजमी है। हाँ पैकेट बंद सिंगल इनग्रिडिएंट्स फूड जैसे ड्राय बैरीज, बीन्स या किशमिश जैसी चीजें खरीदना ही सुरक्षित है क्योंकि इनमें केमिकल नहीं होता। पैकेट में बंद खाने की लगभग सभी चीजों में काफी ज्यादा कैमिकल्स का इस्तेमाल होता है। जूस, खाना, सॉस, कैन सूप या पैकेट में बंद किसी भी चीज में कैमिकल हो सकता है।
- इन्सान को तमाम बीमारियों में राहत देने वाली दवाओं में भी के मिकल का प्रयोग किया जाता। यही वजह है कि मरीज को संबंधित बीमारी से राहत मिलते ही डॉक्टर दवाएं तुरंत बंद करने की सलाह देते है और स्थायी राहत के लिए अन्य उपाय बताते हैं।
- टूथपेस्ट जो न सिर्फ हमारे दातों को चमकाते हैं बल्कि मुंह में मौजूद तमाम बैक्टीरिया को खत्म करते हैं उनका भी जरूरत से ज्यादा नुकसान हमारे शरीर के लिए घातक होता है। टूथपेस्ट हो या फिर माउथवाश दोनों में ही काफी मात्रा में केमिकल इस्तेमाल किया गया होता है, हालांकि मेडिकेयर टूथपेस्ट में इसकी मात्रा कुछ कम होती है।
- डियोड्रेंट, हेयर डाई, टालकम पाउडर, परफ्यूम, लोशनकॉस्मेटिक, शेविंग क्रीम और सन्सक्रीन जैसे कई पर्सनल ब्यूटी प्रोडक्ट्स में भी ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो हमारे शरीर के लिए खतरनाक साबित होते हैं। इन चीजों में मिले केमिकल्स से बचने का एक मात्र उपाय है इनका कम से कम इस्तेमाल किया जाय। इन प्रोडक्ट्स की जगह नारियल या बादाम के तेल का इस्तेमाल करना बेहतर होता है।
- इसी तरह से पूजा में प्रयोग होने वाली धूप बत्ती,अगर बत्ती,एयर फ्रेशनर, मॉस्किटो कॉइल, पेस्ट कंट्रोल, डिटर्जेंट, विंडो क्लीनर, बाथरूम और टॉयलेट क्लीनर जैसी तमाम चीजों में केमिकल का काफी मात्रा में प्रयोग किया जाता है, जो हमारी सांसों के जरिये सीधे हमारे शरीर में पहुंचता है। इनमें मौजूद हानिकारक कैमिकल्स रेस्पिरेटरी सिस्टम को खराब कर देता है।