ठंड का मौसम आते ही हवा में नमी बढ़ती है, तापमान धीरे-धीरे गिरता है और शरीर की इम्यूनिटी पहले से ज्यादा कमजोर होने लगती है। यही वजह है कि इस मौसम में लोगों को जुकाम, खांसी, गले में खराश और कमजोरी की शिकायत तेजी से बढ़ जाती है। ऐसे में एक ऐसा सुपरफूड है, जो दिखने में जितना साधारण लगता है, उतना ही असाधारण तरह से शरीर की सुरक्षा कर सकता है। लाल टमाटर। आयुष मंत्रालय भी इसे सर्दियों का सबसे सस्ता, स्वादिष्ट और भरोसेमंद हेल्थ बूस्टर मानता है। रोजाना दो टमाटर तक का सेवन सर्दी-जुकाम को शरीर से दूर रखने के साथ इम्यूनिटी को इतना मजबूत कर देता है कि वायरस आसानी से असर नहीं कर पाते। कई रिसर्च भी बताती हैं कि अपने चमकदार लाल रंग के पीछे टमाटर में मौजूद लाइकोपीन, विटामिन-सी और बीटा-कैरोटीन की ताकत हर मौसम में शरीर को एंटीऑक्सीडेंट शील्ड प्रदान करती है।
टमाटर सर्दियों में क्यों बन जाता है ‘इम्यूनिटी बॉडीगार्ड’?
ठंड के मौसम में धूप की कमी के कारण शरीर में विटामिन-डी और हॉर्मोनल बैलेंस पर असर पड़ना स्वाभाविक है। ऐसे में टमाटर वह गैप तुरंत भर देता है, क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन-सी और पोटैशियम शरीर को लगातार एनर्जी देने का काम करते हैं। यही नहीं, लाइकोपीन नामक तत्व शरीर की कोशिकाओं को नुकसान से बचाकर वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता कई गुना बढ़ा देता है। विशेष रूप से सर्दियों में जब लोग बार-बार वायरल, गले में जलन और सूखी खांसी से परेशान रहते हैं, तब टमाटर का गर्म सूप एक प्राकृतिक दवा की तरह असर दिखाता है।
टमाटर की यही खासियतें इसे सिर्फ इम्यूनिटी नहीं, बल्कि दिल की सेहत, त्वचा की चमक और आंखों की रोशनी का सबसे बड़ा साथी बनाती हैं। नियमित सेवन से खराब कोलेस्ट्रॉल घटता है और रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे दिल पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। सर्दियों में जब त्वचा रूखी होने लगती है, तब टमाटर के एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को भीतर से नमी देते हैं। आंखों की रोशनी भी इससे बेहतर होती है क्योंकि टमाटर बीटा-कैरोटीन का अच्छा स्रोत है, जो रेटिना को मजबूत बनाता है।
कैसे करें सेवन, किन्हें बरतनी चाहिए सावधानी?
टमाटर की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसे कई तरह से खाया जा सकता है। कच्चा, सलाद में, सूप में, सब्जी में, चटनी के रूप में या गर्म ग्रेवी में। सर्दियों में सुबह खाली पेट हल्का गुनगुना टमाटर खाने से गले पर किसी तरह की ठंडक का असर नहीं होता और पाचन भी बेहतर होता है। सूप में अदरक, काली मिर्च और थोड़ा काला नमक डालने से गले की खराश, बंद नाक और सूखी खांसी में जल्दी आराम मिलता है। सलाद, दाल ग्रेवी और सब्जियों में टमाटर जोड़ने से खान-पान ज्यादा पौष्टिक बन जाता है।
हालांकि कुछ लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। जिन्हें एसिडिटी की समस्या ज्यादा होती है या जिन्हें टमाटर से एलर्जी है, वे डॉक्टर की सलाह लेकर ही इसका सेवन करें। किडनी स्टोन के मरीजों को भी ऑक्सलेट की मात्रा देखते हुए सीमित सेवन की सलाह दी जाती है। सर्दियों में बहुत ज्यादा ठंडे टमाटर से गले में जलन या खांसी बढ़ सकती है, इसलिए इसे हमेशा कमरे के तापमान या हल्का गुनगुना करके ही खाना बेहतर है।
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