MP News: मध्य प्रदेश के खरगोन की कसरावद तहसील के छोटे से गांव सांगवी के एक परिवार ने बेटे की आखिरी इच्छा को पूरा करते हुए बेटे के सात अंगदान कर दिए। 24 साल का विशाल मोयदे आईएएस अधिकारी बनना चाहता था जिसकी तैयारी कर रहा था लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। विशाल ने मरते-मरते भी कुछ ऐसा कर दिया जिसके बाद हर कोई विशाल की चर्चा कर रहा है।
यूपीएससी की तैयारी कर रहा था विशाल
साल 2018 में खरगोन शहर के खंडवा रोड स्थित शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल क्रमांक -2 में B.Ed का पर्चा हल करने के दौरान विशाल के सिर में अचानक दर्द होने लगा और वह बेहोश हो गया तुरंत ही उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। उसके बाद एक और के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया फिर गुजरात के जाइडस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा था। पता चला कि विशाल के सिर पर नसों का एक गुच्छा बन गया है। लगातार उसका इलाज चल रहा था लेकिन बीमारी कम नहीं हो रही थी। इसी दौरान विशाल ने अपनी मां से अपनी से अपने दिल की बात कही। विशाल ने कहा मेरा जीवन अगर अंतिम क्षण में आ जाए तो मेरे शरीर के अंगों को गरीब और जरूरतमंदों को दान कर देना।
मां और पिता ने पूरी की बेटे की इच्छा
एक दिन विशाल को डॉक्टर ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद सुशील ने अपने बेटे की इच्छा अपने पति अंबाराम मोयदे को बताई। पिता ने डॉक्टर सेक्स बताया तो डॉक्टर ने कहा आप अपने परिवार में किसी जरूरतमंद को अंगदान कर सकते हैं लेकिन जब कोई नहीं मिला तो डॉक्टर की टीम ने वड़ोदरा में सुपर कॉरिडोर तैयार किया। डॉक्टरों की टीम ने 7 अंग विशाल के शरीर से ले लिए। जिसमें हार्ट ,लीवर, दोनों फेफड़ों, छोटी आंत और दोनों किड़नी दान कर दी गई। वडोदरा में अपने बेटे के अंगदान करने के दौरान विशाल की मां सुशीला और उनके पिता ने अपने बेटे के अंगों की पूजा भी की।
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