Bihar News: पटना के चर्चित पारस अस्पताल हत्याकांड में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। मामले की गंभीरता और पुलिस की लापरवाही को देखते हुए पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने 5 पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन पुलिसकर्मियों पर मामले को नजरअंदाज करने और जांच में ढिलाई बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह कार्रवाई उस वक्त की गई जब जांच के दौरान कुछ चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए, जिनसे यह संकेत मिला कि पुलिस की निष्क्रियता के चलते हत्या की साजिश को अंजाम देना आसान हो गया।
पुलिसिया जांच के बीच SSP का सख्त रुख
SSP राजीव मिश्रा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच टीम को पुनर्गठित कर दिया है और स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा – चाहे वो कितनी भी ऊंची पदवी पर क्यों न हो। अधिकारियों का कहना है कि निलंबित किए गए पुलिसकर्मी या तो ड्यूटी के दौरान लापरवाह पाए गए या फिर जानबूझकर साक्ष्य छुपाने की कोशिश की। अब जांच टीम हर पहलु की बारीकी से जांच कर रही है और यह भी देखा जा रहा है कि कहीं अस्पताल प्रबंधन या बाहरी ताकतों की मिलीभगत तो नहीं थी।
परिजनों का आक्रोश, इंसाफ की मांग तेज
हत्या के बाद मृतक के परिजन और स्थानीय लोग पुलिस की भूमिका पर लगातार सवाल उठा रहे थे। उनका आरोप है कि पहले दिन से ही पुलिस की कार्यशैली संदिग्ध रही और उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की। अब जब SSP ने सख्त एक्शन लिया है, तो लोगों में थोड़ी राहत की भावना जरूर आई है, लेकिन पीड़ित परिवार अब भी न्याय की मांग पर अडिग है। परिजनों का कहना है कि जब तक मुख्य साजिशकर्ता सलाखों के पीछे नहीं पहुंचते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
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