Wednesday, December 17, 2025

जनरल कोच में झोले की तलाशी ने खोला राज, कालका मेल में युवक के पास मिले 38.20 लाख रुपये

कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया, जब कालका मेल के जनरल कोच में एक युवक के पास से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई। यह कार्रवाई किसी गुप्त सूचना पर नहीं, बल्कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की नियमित वेंडर ड्राइव के दौरान सामने आई। मंडल स्तर पर गठित विशेष टीम अवैध वेंडरों की तलाश में विभिन्न ट्रेनों की चेकिंग कर रही थी। इसी क्रम में जब हावड़ा से कालका जाने वाली कालका मेल स्टेशन पर रुकी, तो आरपीएफ के जवान जनरल कोच में चढ़े। वहां एक 25 वर्षीय युवक हाथ में झोला लिए बैठा नजर आया। जवानों को वह अवैध वेंडर जैसा लगा, इसलिए उससे पूछताछ करते हुए झोले की तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान झोले के अंदर रखे एक बैग में बड़ी संख्या में नोट देखकर जवान भी हैरान रह गए। गिनती करने पर कुल रकम 38.20 लाख रुपये निकली, जिसके बाद युवक को तुरंत हिरासत में ले लिया गया।

पूछताछ में युवक के जवाबों ने बढ़ाया शक

आरपीएफ द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद युवक से जब नकदी के संबंध में सवाल किए गए, तो वह घबरा गया और संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। पूछताछ के दौरान वह बार-बार बात बदलता रहा, जिससे जवानों का शक और गहरा हो गया। बैग की जांच करने पर उसमें 500, 200 और 100 रुपये के नोटों की कुल 36 गड्डियां मिलीं, जिन्हें व्यवस्थित तरीके से रखा गया था। युवक की पहचान गाजीपुर जिले के फतेहपुर खेसहन निवासी मनीष द्विवेदी के रूप में हुई। उसने बताया कि वह फतेहपुर के एक किराना व्यापारी अभिषेक गुप्ता के यहां नौकरी करता है। मनीष का दावा था कि उसके मालिक ने कानपुर में किसी नारियल विक्रेता को भुगतान करने के लिए यह रकम भेजी थी। हालांकि, जब उससे इस लेन-देन से जुड़े बिल, रसीद या कोई अन्य दस्तावेज मांगे गए, तो वह कुछ भी प्रस्तुत नहीं कर सका। दस्तावेजों की कमी और युवक के असमंजस भरे जवाबों के कारण आरपीएफ को पूरे मामले में गड़बड़ी की आशंका हुई।

आयकर विभाग की एंट्री, नकदी जब्त कर शुरू हुई जांच

दस्तावेजी साक्ष्य न मिलने पर आरपीएफ ने तुरंत आयकर विभाग को मामले की सूचना दी। सूचना मिलने पर आयकर इंस्पेक्टर अमरेंद्र कुमार और अवधेश गुप्त आरपीएफ पोस्ट पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने युवक से अलग कमरे में विस्तार से पूछताछ की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इतनी बड़ी रकम कहां से आई और इसका वास्तविक उपयोग क्या था। पूछताछ के बाद आयकर विभाग ने नकदी को अपने कब्जे में ले लिया और आगे की जांच शुरू कर दी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक नकदी के वैध स्रोत और उपयोग से जुड़े ठोस दस्तावेज सामने नहीं आते, तब तक रकम जब्त रहेगी। आरपीएफ पोस्ट प्रभारी एसएन पाटीदार ने बताया कि बरामद नकदी को पूरी सुरक्षा के साथ आरपीएफ पोस्ट पर रखवाया गया है और आयकर विभाग की जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है। यह भी बताया गया कि युवक के नियोक्ता को मंगलवार को आयकर विभाग के कार्यालय में बुलाया गया है, जहां वह इस रकम से जुड़े कागजात पेश कर सकता है।

रेलवे सुरक्षा और अवैध लेन-देन पर सख्ती का संकेत

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ट्रेनों के जरिए बिना दस्तावेजों के इतनी बड़ी रकम कैसे इधर-उधर ले जाई जा रही है। आरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि अवैध वेंडरों और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में चेकिंग अभियान लगातार चलाया जा रहा है। इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल अवैध वेंडिंग पर रोक लगाना है, बल्कि काले धन, संदिग्ध लेन-देन और सुरक्षा से जुड़े जोखिमों को भी कम करना है। कानपुर सेंट्रल पर सामने आया यह मामला उसी सख्ती का नतीजा है। आयकर विभाग अब यह जांच करेगा कि बरामद 38.20 लाख रुपये कर नियमों के तहत घोषित हैं या नहीं, और कहीं यह रकम किसी अवैध गतिविधि से तो नहीं जुड़ी। जांच पूरी होने के बाद ही यह तय हो सकेगा कि युवक और उसके नियोक्ता पर आगे क्या कार्रवाई की जाएगी।

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