अहोई अष्टमी 2025 का पर्व 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा, और इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए संतान सुख की कामना करती हैं। खास बात ये है कि इस दिन तीन राशियों के लिए चंद्रमा की विशेष कृपा रहेगी, जो इनकी किस्मत को चमका सकती है। वृषभ, कर्क और कन्या राशि के जातकों के लिए इस दिन भाग्य के दरवाजे खुल सकते हैं, और उनके पारिवारिक जीवन में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। आइए, जानते हैं कि इस दिन इन राशियों के जातकों के लिए कौन-सी विशेष बातें हो सकती हैं।
वृषभ राशि: संतान से जुड़ी इच्छाओं की होगी पूर्ति
वृषभ राशि के जातकों के लिए अहोई अष्टमी का व्रत अत्यधिक शुभकारी साबित हो सकता है। जो महिलाएं लंबे समय से संतान सुख की कामना कर रही थीं, उनके लिए चंद्रमा का आशीर्वाद विशेष रूप से लाभकारी होगा। इस दिन संतान से जुड़ी कोई शुभ समाचार मिल सकता है, जो आपके परिवार में ख़ुशियाँ और उल्लास लेकर आएगा। परिवार में हंसी-खुशी का वातावरण रहेगा और विशेष रूप से बच्चों के लिए यह समय खुशियाँ लेकर आएगा। अगर आप किसी संतान के विषय में कुछ प्रार्थना या प्रयास कर रहे थे, तो अब इसके सफल होने का योग बन सकता है।
आध्यात्मिक लाभ: वृषभ राशि के जातकों के लिए यह समय विशेष रूप से आध्यात्मिक दृष्टि से भी अच्छा रहेगा। अहोई माता की पूजा करने से मानसिक शांति और आंतरिक संतुष्टि प्राप्त होगी।
कर्क राशि: संतान प्राप्ति की उम्मीदें होंगी पूरी
कर्क राशि के जातकों के लिए अहोई अष्टमी का दिन विशेष रूप से शुभ हो सकता है। अगर आप लंबे समय से संतान प्राप्ति के लिए प्रयासरत थे, तो इस दिन आपके लिए अच्छे परिणाम आने की संभावना है। चंद्रमा की स्थिति आपके लिए अनुकूल रहेगी और आपके परिवार में खुशियों की लहर आएगी। विशेष रूप से बुजुर्गों का आशीर्वाद इस समय महत्वपूर्ण साबित होगा, जो आपके जीवन में नई उम्मीदें और आशीर्वाद लेकर आएगा। संतान से जुड़ी कोई शुभ सूचना आपके जीवन में एक नया मोड़ ला सकती है, जिससे आपका परिवार और अधिक खुशहाल बनेगा।
सुझाव: इस दिन माता अहोई का व्रत और पूजा आपको अधिक आशीर्वाद प्रदान करेगी, जिससे संतान सुख की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
कन्या राशि: चंद्रमा की कृपा से मिलेगा संतान सुख और पारिवारिक खुशी
कन्या राशि के जातकों के लिए अहोई अष्टमी का दिन बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। चंद्रमा की विशेष कृपा इस दिन आपके ऊपर बरसेगी, और संतान सुख, पारिवारिक वृद्धि तथा मानसिक संतोष की प्राप्ति होगी। जिन दंपतियों को लंबे समय से संतान की प्राप्ति का इंतजार था, उनके जीवन में इस दिन एक बड़ा बदलाव हो सकता है। यह समय आपके जीवन को नई दिशा देने वाला हो सकता है, और आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।
पूजा और व्रत का महत्व: कन्या राशि के जातकों को इस दिन पूजा-पाठ में ध्यान लगाना चाहिए। अहोई माता की उपासना से संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाएगी।
अहोई अष्टमी 2025: व्रत का सही तरीका और महत्व
अहोई अष्टमी के दिन महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं और संतान की लंबी उम्र के लिए अहोई माता की पूजा करती हैं। इस दिन का उपवास निर्जला होता है, यानी बिना पानी के। महिलाएं सुबह स्नान करके साधारण वस्त्र पहनती हैं और अहोई माता के समक्ष दीपक जलाती हैं। इसके बाद पूजा थाली में फूल, फल, मिठाई रखकर दीपक के सामने रखें और संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। तारे निकलने के बाद, महिलाएं तारे को अर्घ्य देती हैं। इस पूजा का उद्देश्य संतान सुख की प्राप्ति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति है।
पारिवारिक सुख की प्राप्ति: इस दिन का व्रत पारिवारिक सुख और संतुष्टि के लिए बेहद प्रभावशाली माना जाता है, और विशेष रूप से संतान सुख के लिए इसका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
समाप्ति: एक विशेष अवसर
अहोई अष्टमी 2025 के दिन वृषभ, कर्क और कन्या राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के अवसर बन रहे हैं। यह समय आपके पारिवारिक जीवन में खुशियों का संचार करेगा और संतान से जुड़ी आपकी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। इस पर्व के दिन की गई पूजा आपके परिवार में समृद्धि और सुख-शांति लेकर आएगी। यह व्रत न केवल संतान के लिए, बल्कि पारिवारिक जीवन को खुशहाल और संतुलित बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।\
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News India इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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