Indian Vivah Rituals: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शादी एक ऐसा पवित्र बंधन है जो जन्मो जन्मोतर के लिए जुड़ जाता है। इसे संस्कृत धार्मिक और सामाजिक, दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शादी विवाह में दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर अपनी दुल्हन को ब्याहने जाता है। व्यक्ति को समझ में उसकी जिम्मेदारी और कर्तव्यों की याद दिलाते हैं। हिंदू विवाह में दूल्हे का घोड़ी पर सवार होना केवल एक पारंपरिक रिवाज ही नहीं बल्कि इसका ज्योतिषी और धार्मिक महत्व भी माना जाता है। इससे दूल्हा अपनी सभी इंद्रियों पर नियंत्रण प्राप्त करता है और उसे देवी संध्या और शनि देव की कृपा भी प्राप्त होती है।
शनि देव को लेकर कथा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घोड़ा शनिदेव का वाहन माना जाता है जिससे यह रिवाज और भी महत्वपूर्ण होता है। शनि देव की दृष्टि से सुरक्षित होता है।
देवी संध्या को लेकर पौराणिक कथा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देवी संध्या ने पौराणिक कथाओं के अनुसार घोड़ी का अवतार लिया था और उससे उनका पुत्र भी हुआ था इसीलिए वह घोड़ी की महारानी कहलाती हैं। जब दूल्हा घोड़ी पर चढ़ता है तो इस महारानी की कृपा की वजह से अपनी इंद्रियों पर पूरी तरह से नियंत्रण प्राप्त करता है।
सूर्य देव को लेकर कथा
सूर्य देव के पास सात घोड़े होते हैं जो हमारे सात इंद्रियों का प्रतीक माने जाते हैं। यह सूचित करता है कि जैसे सूर्य की पत्नी संध्या इन घोड़े को नियंत्रित करती है वैसे ही दूल्हा अपनी सभी इंद्रियों का नियंत्रण प्राप्त करता है।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News India इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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