Thursday, November 20, 2025

दिल्ली स्टेशन पर दिखी ‘5 सेकंड हेयरकट मशीन’ का सच क्या है? वायरल वीडियो की सच्चाई जानकर आप भी चौंक जाएंगे!

सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से एक ऐसा वीडियो आग की तरह फैल रहा है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। वीडियो में एक हाई-टेक मशीन दिख रही है जिसमें लोग अपना सिर डालते ही सिर्फ 5 सेकंड में ‘परफेक्ट हेयरकट’ लेकर बाहर निकल रहे हैं। दावा किया गया कि यह ऑटोमैटिक हेयरकट मशीन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर लग चुकी है और मात्र ₹100 में किसी भी स्टाइल का कट दे रही है। यह वीडियो इतना रियल लगा कि लाखों लोग इस बात पर यकीन कर बैठे कि सैलून का भविष्य खत्म होने वाला है। लेकिन जब इसकी सच्चाई सामने आई, तो पूरा मामला एकदम पलट गया, क्योंकि यह ‘हेयरकट मशीन’ असलियत में कहीं मौजूद ही नहीं है।

AI ने बनाया झूठा दृश्य

जांच के दौरान विशेषज्ञों ने पाया कि वायरल फुटेज किसी स्टेशन पर शूट नहीं किया गया था, बल्कि इसे एडवांस्ड AI जेनरेशन टूल्स का इस्तेमाल करके तैयार किया गया था। वीडियो में दिखाई देने वाली मशीन, रिफ्लेक्शन, भीड़ का मूवमेंट, यहां तक कि लोगों के बाल कटते हुए दिखने का दृश्य, सबकुछ डिजिटल रूप से जनरेटेड है। यह AI टूल्स की वह नई पीढ़ी है, जो असली और नकली के बीच की लाइन को लगभग मिटा देती है। उसी वजह से यह वीडियो इतना असली लगता है कि पहली नजर में धोखा हो जाना पूरी तरह स्वाभाविक है।

 

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फैक्ट-चेकर्स ने जब वीडियो की फ्रेमिंग, लाइट पैटर्न और मशीन के एंगल की जांच की, तो स्पष्ट हुआ कि यह दृश्य धरातल पर मौजूद ही नहीं है। असल दुनिया में ऐसी किसी ऑटोमैटिक हेयरकट मशीन का आविष्कार अभी तक नहीं हुआ। वीडियो का मकसद बस उतना था कि इसे देखकर लोगों का ध्यान खिंचे और सोशल मीडिया पर वायरलिटी बढ़े।

सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया और भविष्य को लेकर बढ़ी चिंता

इस वीडियो ने ऑनलाइन यूजर्स को दो वर्गों में बांट दिया। एक तरफ वे लोग थे जिन्हें यह मज़ेदार लगा और वे मजाक में कहने लगे कि अब ‘बार्बर की दुकानें खाली पड़ जाएंगी’। वहीं दूसरी तरफ उन लोगों ने चिंता जताई जिन्हें लगा कि अगर तकनीक इतनी तेजी से बढ़ रही है तो आने वाले सालों में इंसानी नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। किसी ने पूछा, “अगर मशीन खराब हो गई तो सिर अंदर फंस जाएगा?”, तो किसी ने इसे ‘AI का नया डरावना रूप’ बताया।

विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही यह वीडियो पूरी तरह फर्जी हो, लेकिन इससे एक बड़ी बात सीखी जा सकती है। AI ने सिर्फ काम करने का तरीका नहीं बदला, बल्कि अब यह हमारी धारणाओं, भावनाओं और विश्वास को भी आसानी से प्रभावित कर सकता है। आने वाले समय में ऐसे सैकड़ों वीडियो सामने आ सकते हैं जो बिल्कुल असली लगेंगे, लेकिन वे पूरी तरह कल्पना पर आधारित होंगे। ऐसे में आम लोगों के लिए जरूरी है कि किसी भी वायरल वीडियो पर भरोसा करने से पहले उसकी सच्चाई की जांच जरूर करें, क्योंकि डिजिटल दुनिया में आंखों को दिखाई देने वाली चीजें हमेशा सच नहीं होतीं।

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