Thursday, November 13, 2025

कौन है डॉक्टर आदिल अहमद राठर? फरीदाबाद से बरामद विस्फोटक और AK-47 के साथ खुला खतरनाक सच

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले से आने वाला डॉ. आदिल अहमद राठर पेशे से मेडिसिन विशेषज्ञ था, लेकिन अब उसका नाम एक बड़े आतंकी षड्यंत्र से जोड़ा जा रहा है। जो डॉक्टर कभी मरीजों का इलाज करता था, वही अब 350 किलो विस्फोटक और दो AK-47 राइफल बरामद होने के बाद जांच एजेंसियों के निशाने पर है।
आदिल कुछ समय से उत्तर भारत के शहरों में निजी अस्पतालों में काम कर रहा था। पुलिस का कहना है कि उसने फरीदाबाद में एक कमरा किराये पर लेकर वहां विस्फोटक सामग्री छिपाई थी। पूछताछ में पता चला कि वह लंबे समय से हथियार इकट्ठा करने और उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर रखने की योजना बना रहा था।

फरीदाबाद से मिला विस्फोटक, श्रीनगर से हथियार

जांच में सामने आया कि आदिल ने न सिर्फ हरियाणा में ठिकाने बनाए, बल्कि कश्मीर घाटी में भी अपना नेटवर्क फैला रखा था। अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में उसके निजी लॉकर से भी एक AK-47 राइफल और कारतूस मिले थे।

यह खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद उन ठिकानों की जांच की, जहां वह अक्सर अकेले जाया करता था। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि वह किसी संगठित मॉड्यूल का हिस्सा था, जो घाटी और NCR के बीच आतंक से जुड़ी गतिविधियों को संचालित कर रहा था।

अब यह मामला NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपे जाने की तैयारी में है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसके पीछे कौन लोग सक्रिय थे और हथियारों की सप्लाई कहां से हो रही थी।

हालिया निकाह और बढ़ते संदेह — कैसे उजागर हुई असली कहानी

डॉक्टर आदिल ने हाल ही में सहारनपुर की एक महिला डॉक्टर से निकाह किया था। बताया जाता है कि निकाह के बाद से ही उसकी गतिविधियाँ और संपर्क संदिग्ध होने लगे थे। स्थानीय खुफिया इकाइयों ने जब उसकी पृष्ठभूमि खंगाली, तो कई हैरान करने वाले तथ्य सामने आए।

पुलिस अब उन डॉक्टरों और स्टाफ की जांच कर रही है जो कश्मीर से आकर उत्तर भारत के निजी अस्पतालों में काम कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि कुछ लोग चिकित्सा पेशे का इस्तेमाल कवच के रूप में कर आतंक की योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

सफेद कोट में छिपा काला सच

डॉ. आदिल अहमद राठर का मामला इस बात का प्रतीक बन गया है कि आतंक अब किसी एक रूप में नहीं दिखता। कभी वह हथियार उठाए सीमा पर नजर आता है, तो कभी अस्पताल के भीतर मासूम चेहरे के पीछे छिपा होता है।
अब जब जांच आगे बढ़ रही है, देश यह सवाल पूछ रहा है — आखिर एक पढ़ा-लिखा डॉक्टर कैसे बारूद की राह पर चला गया? क्या यह सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी है या फिर इसके पीछे एक गहरा नेटवर्क काम कर रहा है? आने वाले दिनों में यह केस देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा सबक साबित हो सकता है।

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