Wednesday, December 3, 2025

मां की गोद में लौटा बेटा: डेढ़ साल बाद अंतरिक्ष से अपने गृह नगर लखनऊ लौटे शुंभाषु शुक्ला

सोमवार की सुबह लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर एक अलग ही सीन देखने को मिला, जब अंतरिक्ष यात्री शुंभाषु शुक्ला गुपचुप अंदाज़ में अपने शहर लौटे। डेढ़ साल तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (ISS) पर रहने के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक कदम था, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कोई बड़ी सरकारी या मीडिया मौजूदगी नहीं थी। सिर्फ कुछ करीबी रिश्तेदारों और सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी में उन्होंने लखनऊ की ज़मीन को छुआ। इस मिशन के बारे में अधिकतर बातें अब भी गोपनीय हैं, जिससे उनके लौटने को लेकर और भी रहस्य गहराता जा रहा है।

मां की आंखों में आंसू, बेटे की बांहों में सुकून

शुंभाषु जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर निकले, सबसे पहली नज़र उनकी मां पर पड़ी। दोनों की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह खुशी और सुकून के आंसू थे। मां ने बेटे को गले लगाया तो जैसे सारा ब्रह्मांड उसी पल थम गया हो। शुंभाषु ने कहा, “सबसे बड़ा ग्रह मां की गोद होती है। अंतरिक्ष में बहुत कुछ देखा, लेकिन यहां आकर ही सुकून मिला।” उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और हजारों लोग इस भावुक मिलन पर प्रतिक्रिया देने लगे।

मिशन की गोपनीयता और अगला कदम

हालांकि शुंभाषु के मिशन से जुड़े कई तकनीकी पहलुओं को अब भी सार्वजनिक नहीं किया गया है, परंतु ISRO के एक करीबी सूत्र ने बताया कि यह मिशन ‘विकासशील मानव जीवन के लिए संभावित ग्रहों की खोज’ पर केंद्रित था। शुंभाषु को अब अगले कुछ हफ्तों तक मेडिकल ऑब्जर्वेशन और मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग से गुजरना होगा। इसके बाद वो ISRO मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर सकते हैं, जिसमें मिशन के रहस्यों से कुछ परदे हट सकते हैं। फिलहाल पूरा देश इस ‘अंतरिक्ष से लौटे बेटे’ पर गर्व कर रहा है।

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