सास ने बहू को दी अपनी किडनी, कहा – “बहू नहीं, मेरी बेटी है”

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Eta news

एटा (उत्तर प्रदेश): रिश्तों की गहराई खून से नहीं, भावनाओं से मापी जाती है। एटा जिले के अलीगंज क्षेत्र के रामनगर गांव से एक ऐसा प्रेरणादायक मामला सामने आया है, जिसने सास-बहू के रिश्ते की परिभाषा को ही बदल दिया। 55 वर्षीय बीनम देवी ने अपनी बहू पूजा को जीवनदान देने के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी। खास बात यह रही कि जब पूजा की सगी मां ने किडनी देने से मना कर दिया, उस समय सास ने आगे बढ़कर न केवल जिम्मेदारी निभाई, बल्कि एक मां का फर्ज भी अदा किया।

बहू की बिगड़ी तबीयत से टूट गया था परिवार

32 वर्षीय पूजा पिछले कुछ महीनों से किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि उसे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत है, वरना स्थिति और खराब हो सकती है। पूजा की मां से जब डोनेशन की बात की गई, तो उन्होंने शारीरिक और पारिवारिक कारणों का हवाला देकर इनकार कर दिया। ऐसे में पूजा और उसके पति पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार के सामने उम्मीद की कोई किरण नहीं बची थी।

मेडिकल रिपोर्ट में मैच होते ही सास ने लिया बड़ा फैसला

ऐसे कठिन समय में बीनम देवी ने बिना देर किए खुद का मेडिकल परीक्षण कराया। जब रिपोर्ट में यह पाया गया कि उनकी किडनी पूजा के शरीर से मेल खा रही है, तो उन्होंने फैसला किया कि वे अपनी बहू को किडनी दान करेंगी। बीनम देवी का कहना है, “जब बहू बेटी जैसी हो, तो सोचने की जरूरत ही नहीं पड़ती।” इस फैसले से न सिर्फ पूजा की जान बची, बल्कि सास-बहू के रिश्ते को एक नई पहचान भी मिली।

समाज में बनी मिसाल, लोगों ने की सराहना

आज पूजा पूरी तरह स्वस्थ है और सामान्य जीवन जी रही है। बीनम देवी की इस ममता भरी पहल की पूरे गांव और इलाके में चर्चा हो रही है। लोग उन्हें “मां से बढ़कर सास” कहकर बुला रहे हैं। यह घटना समाज के लिए एक उदाहरण है कि जब खून के रिश्ते साथ छोड़ दें, तो दिल से बने रिश्ते जीवनदाता बन सकते हैं।

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