यूपी में अब दोबारा फिर से वही पुरानी कानून व्यवस्था लागू हुई है। अब कानून व्यवस्था और विकास कार्यों का मूल्यांकन अलग-अलग स्तर पर होगा। खराब प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके कार्य में सुधार कराया जाएगा। सचिन दुर्गा शंकर मिश्रा ने विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकारी विभागों के विकास कार्य और कानून व्यवस्था में विभिन्न स्तर के अधिकारियों की समीक्षा सीएम डैशबोर्ड पर व्यवस्था सूचना के आधार पर की जाएगी। दुर्गा शंकर मिश्र ने बताया है कि डीएम ही कानून व्यवस्था की बैठक करेंगे।
68 जिलों में कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे डीएम
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि 68 जिलों में जिलाधिकारी कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। हालांकि आयुक्त प्रणाली वाले जिले लखनऊ ,वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा में पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे। इस बैठक में पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक जिलों के पुलिस कप्तान मौजूद रहेंगे। अब जिला स्तर पर विकास कार्य और कानून व्यवस्था की समीक्षा अलग-अलग होगी। विकास कार्यों की समीक्षा जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में होगी।
इस तारीख को जारी होगी रैंकिंग
हर महीने की 15 तारीख को रैंकिंग भी जारी की जाएगी रैंकिंग में परफॉर्मेंस इंडेक्स, डाटा क्वालिटी इंडेक्स और फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स पर हुए कामकाज को आधार बनाया जाएगा। यह अभी बताया गया है कि डीएम की बिना मंजूरी से थाना अध्यक्षों की तैनाती भी नहीं होगी। पहले पुलिस अधीक्षक थाना अध्यक्षों की तैनाती करते थे लेकिन अब डीएम की मंजूरी पर तैनाती होगी।
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