Basti: क्या मांस खाने वाले पशुओं का दूध भारत में बिकेगा? राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उठाए गंभीर सवाल!

बस्ती दौरे पर पहुंचीं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और किसानों को दिए बड़े संदेश, टैरिफ नीति और स्वदेशी उत्पादों को लेकर जताई चिंता।

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UP News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने बस्ती दौरे के दौरान कई अहम कार्यक्रमों में शामिल हुईं। अटल बिहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में उन्होंने बड़ी संख्या में मौजूद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित किया। इसके बाद बंजरिया फार्म हाउस में प्रगतिशील किसानों के साथ संवाद करते हुए राज्यपाल ने स्थानीय कृषि और डेयरी उद्योग को लेकर विशेष रुचि दिखाई। उन्होंने प्रदेश में पोषण और शिक्षा से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए जन सहयोग की सराहना की।

टैरिफ विवाद पर राज्यपाल का तीखा सवाल

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विदेशी डेयरी प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैरिफ को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “हमारे यहां पशु घास खाते हैं, जबकि कई देशों में उन्हें मांस खिलाया जाता है। क्या ऐसे पशुओं के दूध से बने पनीर को भारत के लोग खाएंगे? क्या प्रधानमंत्री जी खुद उसे खरीदेंगे?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत पर टैरिफ का दबाव बनाया जा रहा है—कभी 50% तो कभी 80% तक। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील की है।

आंगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं पर फोकस

राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केवल चार दीवारें बना देने से केंद्र नहीं बनता, वहां बच्चों के खेलने, बैठने और पीने के पानी की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 38 हजार केंद्रों को जन सहयोग से सुसज्जित किया जा चुका है। कई स्वयंसेवी संस्थाएं इस दिशा में कार्य कर रही हैं, जिनके सहयोग से गरीब बच्चों को शिक्षा, पोषण और खेल की सुविधाएं मिल पा रही हैं। उनका स्पष्ट संदेश था कि हर बच्चे को जन्म से ही अच्छी शिक्षा और पोषण मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी वर्ग से आता हो।

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