सोने-चांदी के दामों में आई भारी गिरावट, कितना सस्ता हो गया है Gold जानिए

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Gold-Silver Prices: गणेश चतुर्थी के साथ त्योहारों के सीजन की शुरुआत शुरू हो चुकी है। वहीं अगले महीने से शादियों का सीजन की भी शुरुआत हो जाएगी। शादियों के अवसर पर जो लोग सोने के गहने खरीदने की तैयारी में हैं या फिर इस त्योहारी सीजन में सोना खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको बता दें कि आपके अच्छे दिन आ चुके हैं। बता दें कि बीते पांच महीनों में सोने के दामों में 5000 रुपये प्रति 10 ग्राम या 8.14 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।

8 प्रतिशत से अधिक घटी कीमत

सर्राफा बाजार में केवल 7 सत्र में सोने कि कीमतों में 2577 रुपये की कमी दर्ज की गई है। यदि 5 मई 2023 से तुलना करें तो उस दिन सोना 61,646 रुपये प्रति 10 ग्राम पर था जोकि इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के डेटा के अनुसार 4 अक्टूबर 2023 को घटकर 56,627 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ चुका है। इसका मतलब है कि सोने की कीमतों में 5019 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी आ चुकी है।

क्यों कम हो रही हैं कीमतें

अब अमेरिका यूरोप में महंगाई में काफी कमी आने लगी है। यूक्रेन पर रूस के 2022 में हमले के बाद जो महंगाई की दर में उछाल देखी गई थी वो फिलहाल अब कम होती नजर आ रही है। वहीं अब महंगाई में कमी के बाद सोने में निवेश में भी कमी देखने को मिल रही है। वहीं तरफ करेंसी के मुकाबले डॉलर में मजबूती नजर आ रही है। वहीं ये अनुमान लगाया जा रहा है कि डॉलर यहां से और भी मजबूत हो जायेगा। यही कारण है कि डॉलर की मजबूती और सोने की मांग में कमी के कारण सोने के दामों में गिरावट नजर आ रही है। वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं बुरे दौर से अब उबरने लगी है।

चांदी के दामों में भी आई कमी

केवल सोना ही नहीं चांदी के दामों में भी भारी कमी देखी जा सकती है। चांदी 5 मई 2023 को 77,280 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रहा था जोकि 4 अक्टूबर को घटकर 67091 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही है। इसका मतलब 5 महीने में चांदी के दामों में 10,189 रुपये प्रति किलो की कमी दर्ज की गई है। बीते 5 महीने में चांदी 13 प्रतिशत से अधिक सस्ता हुआ है।

त्योहारों से पहले सस्ता हुआ सोना

सोने व चांदी के दामों में कमी से दिवाली और धनतरेस पर खरीदारी करने वालों को बड़ी राहत मिल सकेगी। कीमतों में कमी होने से सोने और चांदी की ज्वेलरी खऱीदने पर पहले के मुकाबले कम पैसे खर्च करने होंगे तो जाहिर है कि मांग में बढ़ोतरी का लाभ ट्रेडर्स को होने को उम्मीद जताई जा रही है।