मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, फिर बरसाई गई गोलियां, तीन युवकों के मिले शव

सुबह पुलिस को कुकी समुदाय के तीन युवको के शव पड़े मिले। जिनकी उम्र 24 से 35 साल की बताई जा रही है। पूरे इलाके में बीएसएफ शाहिद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

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Manipur violence

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। एक बार फिर से 18 अगस्त शुक्रवार को मणिपुर के उखरुल जिले के थोवई गांव में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जमकर गोलियां चली हैं। सुबह पुलिस को कुकी समुदाय के तीन युवको के शव पड़े मिले। जिनकी उम्र 24 से 35 साल की बताई जा रही है। पूरे इलाके में बीएसएफ शाहिद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

धारदार हथियार से किया गया हमला

वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा लिटान पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव में हुई। जिसके बाद इलाके में छानबीन की गई जहां पर तीन युवकों के छत विक्षत अवस्था में पड़े मिले। शवों पर धारदार हथियार से हमला किया गया है। जिन युवकों के सब मिले हैं उनके हाथ पैर कटे हुए हैं। इन युवकों को बहुत ही बेरहमी से मारा गया है। वही आपको बता दें मणिपुर में हिंसा की रोकथाम के लिए पुलिस और सुरक्षाबल लगातार हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए हैं।

अब तक 160 लोगों ने गंवाई है जान

मणिपुर हिंसा में अब तक 160 लोगों की जान जा चुकी है और अभी भी यह हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।

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