Wednesday, November 19, 2025

जम्मू-कश्मीर में सनसनी! बेटे की गिरफ्तारी के डर से उठाया खौफनाक कदम? जांच में कई चौंकाने वाले एंगल उभरे

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के काजीगुंड इलाके में बीते 16 नवंबर को हुई एक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। 50 वर्षीय ड्राई फ्रूट विक्रेता बिलाल अहमद वानी ने पुलिस की हिरासत से रिहा होने के बाद अचानक अपने ही घर के पास खुद पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा ली। गंभीर हालत में उन्हें अनंतनाग से श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल रेफर किया गया, जहां 17 नवंबर की सुबह उनका निधन हो गया। स्थानीय लोगों और परिवार का दावा है कि बेटे और भाई की आतंकी मॉड्यूल मामले में गिरफ्तारी ने बिलाल को अंदर तक तोड़ दिया था। पुलिस द्वारा पूछताछ के बाद छोड़े जाने के बावजूद वे बार-बार यही कह रहे थे कि “मेरे बच्चे का क्या होगा”—और फिर यह घटना हो गई जिसने पूरे रहस्य को और गहरा कर दिया।

जांच टीम कई लिंक तलाशने में जुटी

पुलिस के अनुसार, बिलाल वानी को उनके बेटे जसीर बिलाल और भाई नवीद वानी के साथ एक संदिग्ध ‘व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की जांच के सिलसिले में उठाया गया था। यह वही मॉड्यूल है जिसके तार जैश-ए-मोहम्मद के नेटवर्क और दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच से जुड़ते बताए जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड डॉ. मुजफ्फर राथर है, जो फिलहाल अफगानिस्तान में छिपा होने की आशंका है।

बिलाल का परिवार उसी मोहल्ले में रहता है जहां मुजफ्फर राथर का घर है, जिसके कारण जांच एजेंसी ने उनके रिश्तों और संपर्कों की गहराई से पड़ताल शुरू की थी। बेटे जसीर को डॉक्टर आदिल राथर की गिरफ्तारी के तुरंत बाद हिरासत में लिया गया। परिवार का कहना है कि बिलाल की सबसे बड़ी चिंता यही थी कि कहीं जांच में उनके बेटे पर भी गंभीर आरोप न लग जाएं। जिस मानसिक दबाव में वह थे, वह उनकी हालत से साफ झलक रहा था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने उठाए बड़े सवाल

घटना के बाद राजनीति भी गर्मा गई है। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि बिलाल अहमद वानी अपने बेटे और भाई की हिरासत को लेकर बेहद भयभीत थे, लेकिन उन्हें उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। महबूबा ने इसे मानवीय संवेदनाओं की अनदेखी बताया और कहा कि इस तरह की ज्यादतियाँ युवाओं को भय और निराशा की ओर धकेलती हैं।

उन्होंने मांग की कि बिलाल के परिवार को कम से कम उनके बेटे और भाई से मिलने दिया जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। उनकी पोस्ट के बाद घटना ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है और विपक्ष ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। वहीं पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कानून के दायरे में की जा रही है और मामले की हर संवेदनशील जानकारी को दस्तावेज़ के साथ दर्ज किया जा रहा है।

घटना के बाद स्थानीय लोग भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या बिलाल की मौत सिर्फ सदमे का नतीजा थी, या फिर जांच टीम और परिवार के बीच संवाद की कमी ने तनाव को बढ़ा दिया? अभी तक कई बातें साफ नहीं हैं और मामले में कई पहलू ऐसे हैं जिनकी जांच जारी है।

Read More-9 साल का रिश्ता या रहस्यमयी प्लान? भारत से पाकिस्तान गई सरबजीत कौर का वीडियो आया सामने

Hot this week

आंध्र प्रदेश में नक्सलियों का सफाया: हिडमा के बाद सात और ढेर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले के मारेडुमिल्ली क्षेत्र...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img