कर्नाटक हाईकोर्ट की चौखट पर ऑनलाइन गेमिंग कंपनी, नए कानून से मचा सन्नाटा!

कर्नाटक हाईकोर्ट में ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ने नया कानून चुनौती दी। बिल 2025 से उद्योग संकट में, रोज़गार और निवेश पर मंडरा रहा खतरा।

8
Online Gaming

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग को हाल ही में संसद द्वारा पारित “प्रोमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025” से बड़ा झटका लगा है। इस बिल के लागू होने के बाद कई कंपनियों ने अपने रियल-मनी गेम्स को बंद करने का ऐलान कर दिया। कंपनियों का कहना है कि इस कानून के तहत कारोबार करना न केवल मुश्किल है, बल्कि भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। इसी वजह से देश की एक प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग कंपनी ने अब कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

कोर्ट से राहत की उम्मीद

कंपनी का दावा है कि नया कानून उनके संवैधानिक अधिकारों और व्यवसायिक स्वतंत्रता के खिलाफ है। याचिका में तर्क दिया गया है कि यह बिल ऑनलाइन स्किल गेमिंग और जुआ खेलने के बीच कोई स्पष्ट अंतर नहीं करता, जिससे वैध कारोबार प्रभावित हो रहा है। कोर्ट से उम्मीद जताई जा रही है कि वह इस मामले में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे ताकि उद्योग को राहत मिल सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोर्ट ने इस कानून पर रोक लगाई तो अन्य कंपनियां भी इस राह पर चल सकती हैं।

उद्योग पर भारी असर

भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की अनुमानित वैल्यू 35,000 करोड़ रुपये से अधिक है और इसमें लाखों लोगों की रोज़गार निर्भरता है। नए कानून के लागू होते ही कई कंपनियों ने अपने ऐप्स और वेबसाइट्स को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इससे न केवल उद्योग बल्कि निवेशकों का भरोसा भी डगमगा गया है। फिलहाल सबकी निगाहें कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हैं, जो आने वाले दिनों में पूरे सेक्टर का भविष्य तय कर सकता है।

Read more-एशिया कप से पहले बड़ा झटका! शुभमन गिल बीमार, कप्तानी में हुआ बदलाव