नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पेट्रोल और डीजल को लेकर सरकार की नीति पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि भारत को अब पारंपरिक ईंधन पर निर्भर रहने की आदत छोड़नी होगी। गडकरी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह ट्रांसपोर्ट मंत्री हैं और इस सेक्टर में बदलाव लाने के लिए उन्होंने “डंडा” लगाया है। उनका कहना था कि अगर पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता कम नहीं की गई, तो सरकार और भी सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण, बढ़ते आयात खर्च और ईंधन की कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि वैकल्पिक ईंधन ही देश के भविष्य का रास्ता है।
‘डीजल और पेट्रोल बंद करो वरना यूरो 6 लागू होगा’
अपने बयान में नितिन गडकरी ने कहा, “मैं ट्रांसपोर्ट मंत्री हूं, मैंने डंडा लगाया है। डीजल और पेट्रोल बंद करो, वरना यूरो 6 जैसे कड़े इमिशन नॉर्म्स लागू करूंगा।” उनके इस बयान को ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक साफ चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने समझाया कि यूरो 6 जैसे सख्त नियम वाहनों की लागत बढ़ा सकते हैं, जिससे आम लोगों पर भी असर पड़ेगा। इसलिए बेहतर यही है कि उद्योग समय रहते वैकल्पिक ईंधन को अपनाएं। गडकरी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि देश को साफ, सस्ता और आत्मनिर्भर ऊर्जा विकल्प देना है।
फ्लेक्स इंजन ट्रैक्टर और वैकल्पिक तकनीक पर जोर
नितिन गडकरी ने इस मौके पर यह भी बताया कि ट्रैक्टर कंपनियों ने वैकल्पिक ईंधन की दिशा में बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा कि अब 100 फीसदी इथेनॉल और सीएनजी से चलने वाले फ्लेक्स इंजन ट्रैक्टर तैयार हो चुके हैं। यह तकनीक न सिर्फ किसानों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि डीजल पर होने वाला खर्च भी कम करेगी। गडकरी के अनुसार, फ्लेक्स इंजन तकनीक से देश में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में केवल ट्रैक्टर ही नहीं, बल्कि अन्य भारी मशीनें और कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट भी वैकल्पिक ईंधन पर चलने लगेंगे।
सरकारी सब्सिडी और भविष्य की रणनीति
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता भी दे रही है। उनके मुताबिक, कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट के लिए जो लोग फाइनेंस कराते हैं, अगर वे अल्टरनेटिव फ्यूल या बायो फ्यूल वाले विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें पांच फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी। इसका मकसद नई तकनीकों को तेजी से अपनाने के लिए उद्योग और उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करना है। गडकरी ने कहा कि सरकार का फोकस सिर्फ नियम बनाने पर नहीं, बल्कि लोगों को बेहतर विकल्प देने पर है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में भारत पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करके एक स्वच्छ और टिकाऊ ट्रांसपोर्ट सिस्टम की ओर बढ़ेगा।








