दिल्ली की सर्द रात अचानक भयावह चीखों में बदल गई जब रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास स्थित बंगाली बस्ती की झुग्गियों में अचानक आग भड़क उठी। शुक्रवार की देर रात करीब 10:56 बजे जब लोग अपने परिवारों के साथ सोने की तैयारी में थे, तभी आग की लपटों ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में ले लिया। देखते ही देखते करीब 400 से 500 झुग्गियां राख में तब्दील हो गईं। दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी गई और करीब 15 फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। लेकिन आग इतनी तेजी से फैली कि कई लोग अपना सब कुछ खो बैठे। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से झुलस गया है।
सिलेंडर धमाकों से गूंजा इलाका, हर तरफ फैली अफरातफरी
दमकल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जब तक टीम मौके पर पहुंची, कई एलपीजी सिलेंडर फट चुके थे, जिससे आग और भी तेज हो गई। इन धमाकों की आवाज़ें इतनी जोरदार थीं कि आसपास के इलाकों में भी दहशत फैल गई। लोगों ने जैसे-तैसे अपने बच्चों और जरूरी सामानों को लेकर भागना शुरू किया। कई परिवारों के पास अब सिर्फ राख के ढेर बचे हैं। राहत और बचाव कार्य पूरी रात जारी रहा, वहीं दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने आग पर काबू पाने के साथ-साथ प्रभावित लोगों को पास के स्कूलों और राहत शिविरों में अस्थायी तौर पर ठहराने की व्यवस्था की है।
जांच में जुटी टीमें, मुआवजे की मांग तेज
आग लगने के सही कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा सिलेंडर फटने से हुआ, जबकि कुछ का मानना है कि बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट इसकी वजह हो सकता है। फिलहाल फॉरेंसिक टीम और दमकल विभाग की जांच जारी है। हादसे के बाद स्थानीय नेताओं ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग उठाई। वहीं, सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा और दुख दोनों ही झलक रहा है। शहर की यह दर्दनाक घटना फिर से उस सवाल को खड़ा करती है — क्या राजधानी में झुग्गी बस्तियों की सुरक्षा को लेकर अब भी लापरवाही बरती जा रही है?
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