Sunday, December 28, 2025

नेपाल संकट पर संजय निरुपम का बयान: भारत को पड़ोसी देश की मदद कर शांति स्थापित करनी चाहिए

नेपाल में Gen-Z द्वारा शुरू किया गया लोकतांत्रिक आंदोलन अब बेकाबू होता जा रहा है। युवा पीढ़ी की नाराजगी सरकार के खिलाफ खुले विद्रोह में बदल गई है। सोमवार रात को राजधानी काठमांडू में हिंसक प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और राष्ट्रपति भवन में आगजनी और तोड़फोड़ की। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्रियों के घरों को भी निशाना बनाया गया। देश भर में आपातकाल जैसे हालात बन गए हैं, और आम जनता गहरी दहशत में है।

सत्ता का पलटवार: ओली और पौडेल ने छोड़ी कुर्सी

स्थिति को बिगड़ता देख प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार, 9 सितंबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के तुरंत बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी पद छोड़ने की घोषणा की। ओली सरकार पर पहले से ही भ्रष्टाचार और जनविरोधी नीतियों का आरोप था, लेकिन इस आंदोलन ने सरकार की नींव हिला दी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ राजनीतिक असंतोष नहीं बल्कि पीढ़ीगत बदलाव की शुरुआत है।

भारत की भूमिका पर संजय निरुपम का बयान

नेपाल की इस गंभीर स्थिति पर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “एक पड़ोसी देश होने के नाते भारत को नेपाल की मदद करनी चाहिए ताकि हालात सुधर सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि, “किसी भी निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकना गलत नहीं है, लेकिन तरीका लोकतांत्रिक होना चाहिए।” संजय निरुपम ने बांग्लादेश और श्रीलंका का उदाहरण देते हुए कहा कि हिंसा से केवल जनता को ही दीर्घकालिक नुकसान होता है।

Read more-नेपाली प्रधानमंत्री ओली ने अचानक छोड़ी कुर्सी! सोशल मीडिया बैन और सेना की चेतावनी के बाद बड़ा कदम

Hot this week

spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img