राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ती हवा की गुणवत्ता ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। बढ़ते वायु प्रदूषण को काबू में करने के लिए दिल्ली सरकार ने अब सख्ती का रास्ता अपनाया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में चल रहे प्रदूषण विरोधी अभियान के तहत बीते 24 घंटों में बड़े स्तर पर कार्रवाई की गई। इस दौरान नियमों का उल्लंघन करने और प्रदूषण फैलाने वाले 11,776 वाहनों के चालान काटे गए। यह कार्रवाई राजधानी के अलग-अलग इलाकों में एक साथ चलाए गए संयुक्त अभियानों के जरिए की गई, जिससे साफ हो गया है कि सरकार अब किसी भी कीमत पर ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।
24 घंटे मुस्तैद रहे सभी विभाग
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि प्रदूषण के खिलाफ इस अभियान में दिल्ली सरकार के सभी संबंधित विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। अधिकारी और फील्ड टीमें 24 घंटे निगरानी कर रही हैं, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही को तुरंत पकड़ा जा सके। मंत्री ने कहा कि सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों को साफ हवा उपलब्ध कराना है और इसके लिए नियम तोड़ने वालों पर बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की जा रही है। चाहे वह पुराने और ज्यादा धुआं छोड़ने वाले वाहन हों या नियमों का पालन न करने वाले ट्रक, सभी पर समान सख्ती बरती जा रही है।
धूल और गंदगी पर भी बड़ा अभियान
दिल्ली में वायु प्रदूषण की एक बड़ी वजह सड़कों की धूल और गंदगी भी मानी जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए नगर निगम और अन्य एजेंसियों ने बीते 24 घंटों में व्यापक सफाई अभियान चलाया। इस दौरान 12,164 मीट्रिक टन से ज्यादा कचरा राजधानी की सड़कों से उठाया गया। साथ ही 2,068 किलोमीटर से अधिक सड़कों की मशीनों से सफाई कराई गई, ताकि उड़ने वाली धूल को कम किया जा सके। सरकार का मानना है कि अगर सड़कों की नियमित सफाई हो, तो प्रदूषण के स्तर में काफी हद तक सुधार किया जा सकता है।
पानी का छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन से हवा सुधारने की कोशिश
धूल को हवा में उड़ने से रोकने के लिए सरकार ने पानी के छिड़काव और एंटी-स्मॉग गन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया है। बीते 24 घंटों में 1,830 किलोमीटर सड़कों पर पानी का छिड़काव किया गया, जबकि 5,528 किलोमीटर क्षेत्र में एंटी-स्मॉग गन चलाई गईं। इसके अलावा निर्माण स्थलों पर नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 160 एंटी-स्मॉग गन लगातार उपयोग में लाई जा रही हैं। सरकार का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और जरूरत पड़ने पर इसे और तेज किया जाएगा, ताकि दिल्ली की हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सके।
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