भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी अपने चरम पर पहुंच गई है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर भड़काऊ बयान देते हुए भारत के खिलाफ जहर उगला है। समा टीवी को दिए गए इंटरव्यू में आसिफ ने कहा, “अगर इस बार जंग हुई तो अल्लाह हमें पहले से बड़ी फतेह देगा।” यह बयान ऐसे वक्त आया है जब सीमा पर हालात नाजुक बने हुए हैं और दोनों देशों की सेनाएं हाई अलर्ट पर हैं। आसिफ ने भारत के इतिहास को भी घसीटते हुए कहा कि भारत कभी एकजुट राष्ट्र रहा ही नहीं, बल्कि 540 रियासतों का समूह था।
उनका यह बयान ना केवल दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा रहा है, बल्कि दक्षिण एशिया की शांति व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। इस प्रकार के उत्तेजक वक्तव्य पाकिस्तान की सरकार की नीयत को साफ जाहिर करते हैं, जो शांति की बजाय टकराव के रास्ते को तरजीह देती नजर आ रही है।
भारत पर बयानबाज़ी से पहले इतिहास पढ़ें ख्वाजा साहब
ख्वाजा आसिफ का दावा है कि पाकिस्तान “अल्लाह के नाम पर बना देश” है और उसे जंग में विजय प्राप्त होगी, लेकिन वह यह भूल जाते हैं कि भारत की सैन्य ताकत और रणनीति ने पहले भी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था। इस दौरान भारतीय सेना ने 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर, नौ बड़े कैंप तबाह किए थे। पाकिस्तान के कई सैन्य प्रतिष्ठानों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया।
इतिहास गवाह है कि जब-जब पाकिस्तान ने भारत के धैर्य की परीक्षा ली, उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना सिर्फ हथियारों से नहीं, बल्कि रणनीति, संयम और समय पर सटीक प्रहार के लिए जानी जाती है। ऐसे में ख्वाजा आसिफ का यह बयान एक नासमझी भरा दुस्साहस ही कहा जा सकता है।
कूटनीति की जगह जंग को तरजीह देना कितना खतरनाक?
इस पूरे घटनाक्रम से सवाल यह उठता है कि पाकिस्तान आखिर किस दिशा में जा रहा है? क्या वह अपने आंतरिक संकटों से ध्यान भटकाने के लिए भारत के साथ युद्ध का माहौल बनाना चाहता है? पाकिस्तान पहले ही आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और आंतरिक आतंकवाद से जूझ रहा है। ऐसे में युद्ध की बातें कर के वह अपने ही देश की जनता को गुमराह कर रहा है। ख्वाजा आसिफ जैसे वरिष्ठ नेता का इस तरह का बयान पाकिस्तान की जर्जर होती विदेश नीति को भी उजागर करता है।
भारत, जो हमेशा शांति और संवाद का पक्षधर रहा है, ऐसे बयानों से उकसावे में नहीं आता। लेकिन अगर कोई देश उसकी अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देता है, तो भारत जवाब देना अच्छी तरह जानता है। अब देखना ये है कि क्या यह बयान सिर्फ जुबानी जंग तक सीमित रहेगा या फिर पाकिस्तान सच में किसी बड़े खतरे को न्योता देने की भूल कर बैठेगा।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जंग की धमकी दी है। उन्होंने दावा किया कि अगर युद्ध हुआ तो पाकिस्तान को पहले से बड़ी फतेह मिलेगी। जानिए उनके विवादित बयान पर भारत की सैन्य ताकत और इतिहास क्या कहता है।
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