उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव में बुधवार देर रात बादल फटने की घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला कर रख दिया। देखते ही देखते गांव में तबाही का ऐसा मंज़र सामने आया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। सैकड़ों साल पुराना ऐतिहासिक मंदिर मलबे में दब गया और कई घर, दुकानें व रास्ते बह गए। गांव में चारों ओर सिर्फ मलबा, टूटे मकान और रोते-बिलखते लोग दिखाई दे रहे हैं। प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, लेकिन चश्मदीदों का कहना है कि यह तबाही शब्दों में बयान नहीं की जा सकती।
ऐतिहासिक मंदिर और गांव के अस्तित्व को निगल गया मलबा
मौके पर मौजूद चश्मदीद रमेश सिंह ने बताया, “कुछ समझ ही नहीं आया, सिर्फ जोर की आवाज़ आई और पूरा गांव हिल गया। मंदिर तो हमारी पहचान था… अब तो नामोनिशान भी नहीं बचा।” उन्होंने बताया कि मंदिर के साथ गांव का बड़ा हिस्सा भी मलबे में समा गया है। वहीं SDRF और NDRF की टीमें मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे लोगों और सामान की तलाश में जुटी हैं। लगातार बारिश राहत कार्य में बड़ी बाधा बनी हुई है, जिससे बचाव कार्य में देरी हो रही है।
श्रद्धा से जुड़ा केंद्र टूटा तो भावनाएं भी बिखर गईं
धराली गांव का यह मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता था, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ एक मंदिर नहीं था, बल्कि उनके इतिहास, आस्था और संस्कृति का प्रतीक था। इस आपदा ने न सिर्फ भौतिक क्षति पहुंचाई है, बल्कि भावनात्मक रूप से भी गांववालों को तोड़कर रख दिया है। उत्तराखंड सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच और मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।
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