Thursday, December 4, 2025

पुतिन की भारत यात्रा से पहले कांग्रेस नेता उदित राज का बड़ा बयान—‘रूस अब पहले जैसा भारत का मित्र नहीं रहा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा से ठीक पहले कांग्रेस नेता उदित राज का बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। उदित राज ने कहा कि भारत और रूस के बीच पुरानी दोस्ती आज पहले जितनी मजबूत दिखाई नहीं देती। उनका मानना है कि जो विश्वास और सहयोग जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के समय हुआ करता था, वह अब कहीं न कहीं कमजोर हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भारत हमेशा रूस को अपने विश्वसनीय साझेदार के तौर पर देखता आया है, लेकिन हाल के वर्षों में कई मौकों पर रूस की प्रतिक्रिया उम्मीदों के अनुरूप नहीं रही है। पुतिन के इस दौरे को उदित राज दोनों देशों के बीच दूरियों को कम करने का मौका मानते हैं।

‘पहले रूस चट्टान की तरह खड़ा रहता था’—उदित राज

उदित राज ने मीडिया से बातचीत के दौरान पुराने दशकों की याद दिलाते हुए कहा कि रूस लंबे समय तक भारत का चट्टान जैसा मजबूत सहयोगी रहा। उन्होंने बताया कि भारत की सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर रूस हमेशा खुलकर भारत के साथ खड़ा रहा करता था। लेकिन उनके अनुसार, पहलगाम आतंकी हमले, भारत-पाक तनाव और युद्ध जैसी स्थितियों में रूस का रुख पहले जैसा स्पष्ट और मजबूत नहीं दिखाई दिया। उदित राज का दावा है कि इन परिवर्तनों ने भारत की कूटनीतिक स्थिति पर असर डाला और दुनिया में भारत की भूमिका को प्रभावित किया। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वैश्विक राजनीति में भारत को ऐसे साझेदारों की आवश्यकता है जो उसके हितों के साथ मजबूती से खड़े हों।

नेहरू-इंदिरा युग की ‘ऐतिहासिक दोस्ती’ को फिर जीवित करने की अपील

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भारत और रूस की दोस्ती की जड़ें बहुत गहरी हैं। उन्होंने याद दिलाया कि नेहरू और इंदिरा गांधी के समय दोनों देशों के बीच भरोसा, सहयोग, रक्षा साझेदारी और रणनीतिक तालमेल बेहतरीन स्तर पर था। कई दशकों तक रूस भारत का सबसे बड़ा रक्षा सहयोगी रहा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का सबसे बड़ा समर्थक भी। लेकिन बदलते वैश्विक समीकरणों और नई साझेदारियों के कारण यह संबंध उतना गर्मजोशी भरा नहीं रहा। उदित राज का कहना है कि दोनों देशों को चाहिए कि पुरानी समझदारी और भरोसे को फिर से जिंदा किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी तैयार हो सके।

पुतिन की यात्रा से बढ़ेंगी उम्मीदें—क्या रिश्तों में आएगा नया मोड़?

उदित राज ने उम्मीद जताई कि भारत और रूस के बीच हालिया मुलाकातें नई ऊर्जा लेकर आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन की यह यात्रा कई पुराने मुद्दों को सुलझाने और नए समझौतों को आगे बढ़ाने का अवसर बन सकती है। रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि दोनों देश बदलती वैश्विक राजनीति में एक दूसरे के साथ मजबूती से खड़े हो सकें। कांग्रेस नेता का कहना है कि भारत विश्व मंच पर अपनी भूमिका को लगातार बढ़ा रहा है और ऐसे में रूस जैसे परंपरागत और भरोसेमंद मित्र की सक्रिय साझेदारी बेहद महत्वपूर्ण होगी। वे उम्मीद करते हैं कि दोनों देशों के नेता इस ऐतिहासिक रिश्ते में नई मजबूती और भरोसे का संचार करेंगे।

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