Wednesday, November 12, 2025

आतंकी मॉड्यूल के खुलासे के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘नाम बेवजह घसीटा जा रहा है’

फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पिछले कुछ दिनों से सुर्ख़ियों में है, जब एनआईए और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए एक डॉक्टर सहित कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इन गिरफ्तारियों में एक नाम यूनिवर्सिटी से जुड़े व्यक्ति का सामने आने के बाद सवाल उठने लगे कि क्या इस संस्थान का संबंध किसी आतंकी गतिविधि से है। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए इन सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया है।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि गिरफ्तार व्यक्ति विश्वविद्यालय का एक कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड तकनीकी सलाहकार था, जिसका कार्य केवल लैब में अनुसंधान संबंधी प्रक्रियाओं तक सीमित था। प्रशासन ने कहा कि किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि या खतरनाक केमिकल के उपयोग की अनुमति कभी नहीं दी गई।

बयान में विश्वविद्यालय ने कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह संकेत दिया गया कि हमारी लैब से रसायनिक विस्फोटक या आतंकी सामग्री बरामद हुई है, जो पूरी तरह गलत है। सुरक्षा एजेंसियों ने हमारी प्रयोगशालाओं की जांच की, लेकिन किसी भी तरह का विस्फोटक या खतरनाक केमिकल वहां मौजूद नहीं था।”

प्रशासन ने आगे कहा कि संस्था देश के कानूनों और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के सभी नियमों का पालन करती है। सभी शोध परियोजनाएं अधिकृत और पारदर्शी तरीके से चलती हैं। यूनिवर्सिटी ने यह भी कहा कि उनका उद्देश्य केवल शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना है, किसी भी प्रकार की चरमपंथी गतिविधि से उनका कोई सरोकार नहीं है।

एनआईए की जांच से बढ़ी सख्ती

एनआईए की जांच जारी है, और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस जांच में पूरा सहयोग देने की बात कही है। बताया गया कि कैंपस के प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा बढ़ाई गई है और सभी कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की दोबारा जांच की जा रही है।
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमने सुरक्षा व्यवस्था को दोगुना कर दिया है। हर व्यक्ति के आने-जाने का रिकॉर्ड रखा जा रहा है ताकि कोई भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत पकड़ा जा सके।”

जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि गिरफ्तार आरोपी ने यूनिवर्सिटी की लैब का इस्तेमाल किसी आतंकी प्लानिंग के लिए किया या नहीं। हालांकि शुरुआती जांच में अब तक ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

छात्र बोले – ‘हमारे संस्थान की छवि खराब न करें’

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी सोशल मीडिया के जरिए अपनी आवाज उठाई है। कई छात्रों ने लिखा कि यह संस्थान हमेशा से शिक्षा और विज्ञान को बढ़ावा देने वाला रहा है।
छात्रों ने अपील की कि ‘कुछ व्यक्तियों की गतिविधियों के आधार पर पूरे संस्थान को दोषी न ठहराया जाए।’

कुछ प्रोफेसरों ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि यह विश्वविद्यालय 25 से अधिक वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है और इसका किसी भी प्रकार के कट्टरपंथ से कोई संबंध नहीं रहा है।

जांच एजेंसियां अब यह भी देख रही हैं कि क्या संदिग्ध डॉक्टर को किसी विदेशी फंडिंग या संगठन से आर्थिक सहायता मिली थी। एजेंसियों का ध्यान अब विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ बाहरी प्रोजेक्ट्स की ओर भी गया है, जिनकी फाइलें फिलहाल जांच के लिए मंगाई गई हैं।

एनआईए का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। वहीं यूनिवर्सिटी ने भी यह कहा है कि अगर किसी व्यक्ति ने व्यक्तिगत स्तर पर कोई अपराध किया है, तो उसकी जिम्मेदारी संस्था की नहीं होगी।

अल-फलाह यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित रखें। कैंपस में कक्षाएं सामान्य रूप से चल रही हैं और परीक्षा कार्यक्रम भी तय समय पर होंगे।
प्रशासन ने यह भी कहा कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर अब निगरानी और सख्ती बढ़ा दी गई है।

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