पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. रूस से भारत सस्ता कच्चा तेल खरीद रहा है, इसके बावजूद आम लोगों की जेब पर राहत नहीं मिल रही. सवाल यही उठता है कि जब कच्चा तेल कम दाम पर खरीदा जा रहा है तो फिर पेट्रोल-डीजल के दाम देश में कम क्यों नहीं किए जा रहे? यही वजह है कि लोग यह जानना चाहते हैं कि पेट्रोलियम कंपनियां एक लीटर पेट्रोल और डीजल बेचकर कितना मुनाफा कमा रही हैं.
पेट्रोल पर 11.2 रुपए और डीजल पर 8.1 रुपए का मुनाफा
वित्त वर्ष 2025 की ताज़ा रिपोर्ट साफ करती है कि तेल कंपनियां फिलहाल रिकॉर्ड मुनाफा कमा रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियां एक लीटर पेट्रोल बेचने पर करीब 11.2 रुपए का सीधा फायदा उठा रही हैं. वहीं डीजल पर यह मुनाफा 8.1 रुपए प्रति लीटर है. यानी लाखों लीटर की बिक्री के हिसाब से देखें तो यह राशि अरबों में पहुंच जाती है. कच्चे तेल के दामों में कमी आने के बाद कंपनियों की कमाई और तेज़ी से बढ़ गई है.
जनता की जेब पर बोझ, सरकार पर सवाल
लोगों का मानना है कि अगर तेल कंपनियां इतना मुनाफा कमा रही हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी क्यों नहीं की जा रही? विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स और अन्य चार्जेज़ को लेकर सरकार की नीतियां भी इसमें बड़ी भूमिका निभाती हैं. आम उपभोक्ता फिलहाल राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं, लेकिन कब तक पेट्रोल-डीजल सस्ते होंगे, यह अभी भी सस्पेंस बना हुआ है.
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