रणबीर कपूर ने ‘रामायण’ के लिए की जिंदगी की सबसे बड़ी कुर्बानी, रवि दुबे ने किया चौंकाने वाला खुलासा

रवि दुबे ने खुलासा किया कि रणबीर कपूर ने नितेश तिवारी की फिल्म ‘रामायण’ के लिए कई त्याग किए हैं। सेट पर अनुशासन, भक्ति और समर्पण के साथ रणबीर ने भगवान राम के किरदार को जीया। दिवाली 2026 पर रिलीज होने वाली यह फिल्म बनेगी एक युगांतकारी सिनेमाई अनुभव।

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Ravi Dubey

बॉलीवुड में इस समय सबसे ज़्यादा चर्चा जिस फिल्म की है, वह है नितेश तिवारी की मेगा फिल्म ‘रामायण’। इस पौराणिक कहानी को एक नए और भव्य रूप में बड़े परदे पर लाने की तैयारी जोरों पर है। फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम के किरदार में दिखाई देंगे, जबकि मशहूर अभिनेता रवि दुबे उनके छोटे भाई लक्ष्मण की भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में रवि दुबे ने एक पॉडकास्ट के दौरान इस फिल्म से जुड़े कुछ बेहद रोचक और भावनात्मक अनुभव साझा किए — खासकर रणबीर कपूर के समर्पण और त्याग से जुड़ी बातें।

रवि ने बताया कि ‘रामायण’ की शूटिंग के दौरान रणबीर ने न केवल अपने अभिनय को निखारने के लिए बल्कि भगवान राम की भावना को आत्मसात करने के लिए अपनी कई निजी आदतें और आरामदायक जीवनशैली तक त्याग दी। “यह किसी यज्ञ से कम नहीं था,” रवि कहते हैं। “रणबीर ने अपने आचरण, व्यवहार और बोलचाल तक को इस किरदार के अनुरूप बदल दिया। उन्होंने खुद को एक ऐसी स्थिति में पहुंचाया, जहां अभिनय नहीं बल्कि भक्ति महसूस होती थी।”

रवि दुबे ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि रामायण का सेट किसी सामान्य फिल्म सेट जैसा नहीं था। वहां अनुशासन और शांति का माहौल था। “अक्सर फिल्मों के सेट पर अफरा-तफरी होती है, सीन बदलते रहते हैं, शेड्यूल बढ़ जाते हैं। लेकिन यहां सबकुछ क्लॉकवर्क की तरह था। नितेश सर का निर्देशन इतना सटीक था कि एक भी शिफ्ट बढ़ाने की जरूरत नहीं पड़ी। हर कलाकार पहले से तैयार रहता था। ऐसा लगता था मानो सब एक साधना कर रहे हों,” उन्होंने कहा।

रवि के मुताबिक, रणबीर कपूर ने इस अनुशासन में सभी के लिए एक मिसाल कायम की। वह हर सुबह सेट पर सबसे पहले पहुंचते थे, शांत रहते थे और किसी भी सीन को तब तक नहीं छोड़ते जब तक वो संतुष्ट न हो जाएं। “उनके अंदर का समर्पण देखकर हम सब प्रेरित होते थे। वो सिर्फ एक्टिंग नहीं कर रहे थे, वो अपने अंदर भगवान राम की शांति और मर्यादा को जी रहे थे,” रवि ने कहा।

“हम सब बदल गए, जैसे किसी तपस्या का हिस्सा हों” — रवि दुबे

रवि दुबे का कहना है कि ‘रामायण’ में काम करना उनके लिए जीवन बदल देने वाला अनुभव रहा। उन्होंने कहा, “उस किरदार ने मुझे बदल दिया। मैंने महसूस किया कि अगर आप भगवान लक्ष्मण को निभा रहे हैं, तो आपको केवल संवाद नहीं बोलने, बल्कि उस भाव को जीने की जरूरत है। दर्शक आजकल बहुत समझदार हैं — उन्हें पता चल जाता है कि आप कब दिखावा कर रहे हैं। इसलिए मैंने अपने रूटीन, खान-पान और यहां तक कि अपने विचारों को भी बदल दिया।”

उन्होंने आगे बताया कि सेट पर हर किसी में एक आध्यात्मिक वातावरण था। “यह केवल एक फिल्म नहीं थी, यह एक अनुभव था। रणबीर भाई ने इस फिल्म को अपने जीवन की तपस्या बना दिया। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ चीजें त्याग दीं — चाहे वो सामाजिक कार्यक्रम हों, व्यक्तिगत आदतें हों या आराम का समय। उन्होंने खुद को पूरी तरह इस किरदार में समर्पित कर दिया।”

नितेश तिवारी की दृष्टि, रणबीर-रवि की जोड़ी और दिवाली पर धमाका

निर्देशक नितेश तिवारी, जिन्होंने ‘दंगल’ और ‘छिछोरे’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं, अब भारतीय पौराणिक कथाओं को आधुनिक सिनेमाई रूप देने में जुटे हैं। फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है और पोस्ट-प्रोडक्शन का काम तेज़ी से चल रहा है। जानकारी के अनुसार, रामायण अगले साल दिवाली के मौके पर रिलीज़ की जाएगी, ताकि परिवारिक दर्शकों को एक भव्य सिनेमाई अनुभव मिल सके।

फिल्म में रणबीर कपूर के अलावा साई पल्लवी माता सीता के रूप में नजर आएंगी, जबकि यश रावण की भूमिका निभा रहे हैं। रवि दुबे का कहना है कि इन सभी किरदारों के बीच तालमेल इतना मजबूत है कि दर्शक पर्दे पर एक नई ऊर्जा महसूस करेंगे। “रामायण केवल एक कहानी नहीं, यह एक भावना है। इस फिल्म के माध्यम से हमने उस भावना को जीने की कोशिश की है,” उन्होंने कहा।

फिल्म से जुड़ा संदेश — ‘मर्यादा, भक्ति और त्याग’

रवि दुबे ने बातचीत के अंत में कहा कि ‘रामायण’ सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्म-अनुशासन, भक्ति और त्याग का संदेश देने वाली फिल्म होगी। उन्होंने कहा, “जब दर्शक इसे देखेंगे, तो उन्हें सिर्फ कहानी नहीं दिखाई देगी, बल्कि वो उस भावना को महसूस करेंगे जो हमारे अंदर सेट पर हर दिन रहती थी। रणबीर कपूर ने जो समर्पण दिखाया, वो इस फिल्म की आत्मा बन गया है।”

उन्होंने आगे कहा कि यह फिल्म केवल एक सिनेमैटिक प्रोजेक्ट नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जिसने हर कलाकार को भीतर से बदल दिया। “यह फिल्म हमें याद दिलाती है कि असली अभिनय वही है जिसमें कलाकार खुद को भूल जाता है,” रवि ने मुस्कुराते हुए कहा।

 

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