अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा फीस को 100,000 डॉलर तक बढ़ाने की घोषणा ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी थी। लेकिन अब खबर आ रही है कि स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े पेशेवरों, विशेष रूप से डॉक्टरों को इस भारी शुल्क से छूट मिल सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन H-1B वीजा नियमों में संशोधन पर विचार कर रहा है, जिसमें डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल्स को राहत देने की योजना है।
मेयो क्लिनिक जैसे अस्पतालों में भारतीय डॉक्टरों पर निर्भरता बनी वजह
रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका के प्रमुख अस्पतालों जैसे मेयो क्लिनिक, क्लीवलैंड क्लिनिक और सेंट जूड हॉस्पिटल को अपने कार्यबल के लिए बड़ी संख्या में विदेशी डॉक्टरों की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, अकेले मेयो क्लिनिक के पास 300 से अधिक मान्य H-1B वीजा हैं। कोविड-19 महामारी के बाद से अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था पर अत्यधिक दबाव है, ऐसे में विदेशी डॉक्टरों की भूमिका और भी अहम हो गई है। इसीलिए, वीजा शुल्क में छूट देने का प्रस्ताव इन अस्पतालों की सिफारिश पर सामने आया है।
3️⃣ भारत को मिलेगा सीधा फायदा, फैसले का इंतजार
भारत लंबे समय से H-1B वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है, और हजारों भारतीय डॉक्टर अमेरिका में सेवाएं दे रहे हैं। यदि यह प्रस्ताव मंजूरी पाता है तो भारतीय हेल्थ प्रोफेशनल्स को बड़ी आर्थिक राहत मिल सकती है। साथ ही, यह फैसला अमेरिका में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगा। हालांकि, यह सिर्फ एक प्रस्ताव है और अंतिम निर्णय ट्रंप प्रशासन द्वारा अगले कुछ हफ्तों में लिए जाने की उम्मीद है।
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